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अब मचान में बैठकर टूरिस्ट कर सकेंगे बाघ के दर्शन, ताड़ोबा में शुरू हुआ मचान पर्यटन

डिजिटल डेस्क, मोहर्ली(चंद्रपुर)। देश व दुनिया में बाघों के गारंटी के साथ दर्शन के लिए मशहूर ताड़ोबा के दो क्षेत्रों में अब मचान पर्यटन शुरू किया गया है। आगरझरी व देवाड़ा में यह सेवा प्रारंभ हुई है। मचान पर्यटन में पर्यटकों को पहले जिप्सी से एक छोटा राउंड मुहैया कराया जाएगा। इसके बाद मचान पर बैठ कर वे पर्यटन व प्रकृति का आनंद उठा पाएंगे। प्रथम फेरी में आगरझरी में पुणे के पर्यटक मंदार नायडू, श्रीनिवास नायडू ने इसका आनंद उठाया। देवाड़ा में फिदा निरखवाला का वन विभाग की ओर से पुष्पगुच्छ देकर स्वागत किया गया। इस समय वनविभाग के एस.डी.मरस्कोल्हे व डी.ए.बेराड उपस्थित थे।
कैसे होगा यह पर्यटन
मचान पर्यटन के लिए दो दिन पूर्व बुकिंग करनी होगी। पर्यटक को मचान सेंसस आवेदन भर कर देना अनिवार्य होगा। साथ ही पर्यटन पर जाने के पूर्व बंध पत्र भी लिख कर देना होगा। मचान पर्यटन के लिए एक नियमावली वनविभाग ने विशेष रूप से बनायी है। उसका पालन करना सबकी जिम्मेदारी होगी। इसका उल्लंघन जुर्म माना गया है।
ऐसे हैं पर्यटन के नियम
मचान पर्यटन के पूर्व अपनी औषधि सामग्री, पानी आदि स्वयं ले जानी होगी। मचान पर बैठना भी खुद की जिम्मेदारी रहेगी। अपनी निजी सामग्री जैसे चटाई, चादर, बेडशीट आदि साथ रखना होगा। एक मचान पर एक समय में केवल दो ही पर्यटकों को प्रवेश दिया जाएगा। मचान पर धूम्रपान व मद्यपान पर प्रतिबंध है। शोर करना मना है। पर्यटक किसी तरह के गीत-संगीत के साधना अपने साथ नहीं ले जा सकेंगे। साथ ही पर्यटन के समय मचान से नीचे उतरना भी मना किया गया है। प्लास्टिक/पॉलीथिन बैग आदि साथ ले जाने व कचरा करने पर पाबंदी है।
बालों में न लगाएं सुगंधित तेल या फरफ्यूम
पर्यटकों के बालों में सुगंधित तेल या परफ्यूम का कहीं भी उपयोग न हो, इसका ध्यान रखने के लिए कहा गया है। नियोजित समय से पूर्व नीचे उतरने की मनाई है।वन्यजीव अधिनियम 1972 (सुधारित 2006) की सभी धाराएं पर्यटकों पर लागू रहेगी। यह जानकारी वनपरिक्षेत्र अधिकारी (बफर) आर.जी. मून ने दी है।
Created On :   1 Dec 2018 5:14 PM IST