कृषि व किसानों की स्थिति को देखते हुए आज भाऊसाहब जैसे व्यक्तित्व की जरूरत 

Looking at the condition of agriculture and farmers, today a personality like Bhausaheb is needed.
कृषि व किसानों की स्थिति को देखते हुए आज भाऊसाहब जैसे व्यक्तित्व की जरूरत 
भाउसाहेब की जयंती कृषि व किसानों की स्थिति को देखते हुए आज भाऊसाहब जैसे व्यक्तित्व की जरूरत 

डिजिटल डेस्क, अमरावती। देश के कृषि और किसानों की स्थिति को देखते हुए आज भाऊसाहब जैसे व्यक्तित्व और उनके विचारों की जरूरत है। अपने देश की राष्ट्रीय आय में कृषि का महत्वपूर्ण योगदान है। आज अन्य देशों की तुलना में अपने देश में कृषि उत्पादन अधिक है। कृषि व्यवस्था को सही रूप लाने के लिए योगदान देने वाले डाॅ. पंजाबराव देशमुख महान व्यक्ति हैं।  इसलिए आज की स्थिति को देखते हुए उनके विचारों की अत्यंत आवश्यकता है। उक्ताशय के विचार अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद के अध्यक्ष डाॅ. अनिल सहस्त्रबुद्धे ने व्यक्त किए। वह विशेष अतिथि के रूप में   श्री शिवाजी शिक्षण संस्था द्वारा आयोजित संस्था के संस्थापक अध्यक्ष शिक्षा महर्षि डा. पंजाबराव उपाख्य भाऊसाहब देशमुख की 123 वीं जयंती के कार्यक्रम में ऑनलाइन शामिल होकर बोल रहे थे।  संस्थाध्यक्ष हर्षवर्धन देशमुख की अध्यक्षता में हुए समारेाह में डाॅ. पंजाबराव देशमुख कृषि विद्यापीठ के कुलगुरु डाॅ. वी.एम. भाले, संस्था के उपाध्यक्ष नरेशचंद्र ठाकरे, डाॅ. रामचंद्र शेलके, एड. गजानन पंुडकर, दिलीपबाबू इंगोले, हेमंत कालमेघ, प्राचार्य केशव गावंडे, केशव मेतकर, शेषराव खाडे, नरेशचंद्र पाटील, डाॅ. महेंद्र ढोरे, डाॅ. पी.एस. वायाल, डाॅ. अमोल महल्ले प्रमुख रूप से मौजूद थे। 
 

Created On :   28 Dec 2021 7:59 AM GMT

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