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सरकारी हॉस्टल में रहकर बनाया ऊंचा मुकाम, जानिए आदिवासी विद्यार्थियों की यशोगाथा

डिजिटल डेस्क, नागपुर । राज्य के आदिवासी क्षेत्रों में रहने वाले किसानों, मजदूरों के बच्चे आज विपरीत परिस्थितियों के बावजूद गांवों से बाहर निकल कर देश में विभिन्न उच्च पदों पर पहुंच कर देश-प्रदेश और समाज की सेवा कर रहे हैं। अपने काम से लोहा मनवा रहे हैं। उनके कदम कभी रुके नहीं और न ही हौसले में कोई कमी आई। विश्व आदिवासी दिवस पर ऐसे ही कुछ होनहार अधिकारियों ने अपने सामाज और देश के लिए कार्य करते हुए नए इतिहास को रचा है। डॉ. नरेंद्र कोडवते, घनश्याम कन्नाके, अरविंद धुर्वे, डॉ. दिलीप कुमरे, डॉ. तेजराम भलावी, रामदास कोडवते, अनूप कुमार कुमरे, एड. अरुण मसराम, प्रा. डॉ. राम कुलसंगे सहित कई ऐसे नाम हैं, जो शासन के उच्च स्तरीय पदों पर कार्यरत हैं। यह सभी शासकीय छात्रावास में एक साथ रहकर पढाई करते थे। ‘विश्व आदिवासी दिवस’ आबादी के अधिकारों को बढ़ावा देने और उनकी सुरक्षा के लिए प्रत्येक वर्ष 9 अगस्त को मनाया जाता है।
प्रत्येक वर्ग के विद्यार्थी को मिलता है आश्रय
राज्य में आदिवासी समाज को शिक्षित करने के लिए राज्य शासन ने वर्ष 1972 में आदिवासी आश्रम शाला समूह योजना शुरू की। दुर्गम क्षेत्रों में रहकर पढ़ाई करने की अभिलाषा आज भी आदिवासी युवकों के दिल में हैं। कुछ लोग हिम्मत जुटा लेते हैं, तो कुछ लोग हार मान लेते हैं। राज्य में शुरू किए गए शासकीय छात्रावास में अब हर वर्ग के विद्यार्थियों को रहने और खानपान की सुविधा दी जाने लगी है। इमामवाड़ा क्षेत्र के शासकीय छात्रावास में रहकर पढ़ने वाले आदिवासी विद्यार्थियों ने अपना नाम रोशन किया है। कठिन परिश्रम करके वर्ष 1990- 2000 के दरमियान कई आदिवासी छात्र आज प्रशासन के आला अफसर बनकर अपनी जिम्मेदारी निभा रहे हैं।
नागपुर जेल अधीक्षक की अहम जिम्मेदारी निभा रहे हैं
रामटेक तहसील के करवाही के रहने वाले अनूप कुमार मधुकरराव कुमरे अतिरिक्त करागृह अधीक्षक नागपुर की जिम्मेदारी निभा रहे हैं। अपने गांव में दसवीं और रामटेक के कॉलेज से 12वीं पास होने के बाद समाजकार्य विषय में पदवी हासिल किया। उसके बाद समाजकार्य महाविद्यालय से एम. फिल किया। आदिवासी विद्यार्थी संघ, विदर्भ नागपुर के कोषाध्यक्ष व उपाघ्यक्ष रहे। वर्ष 2001 से 2012 तक वे रायगढ़ में जिला सामान्य रुग्णालय अलीबाग में सामाजिक कार्यकर्ता वर्ग-3 के पद पर कार्य किए। वर्ष 2012 में उपअधीक्षक बने। ठाणे सेंट्रल जेल मेंे वर्ष 2013 से 2015 तक जिम्मेदारी संभाली, भंडारा जेल में भी वर्ष 2015 से 2018 तक कार्य किया। वर्तमान समय में नागपुर सेंट्रल जेल में अधीक्षक के पद पर कार्यरत हैं। -अनूपकुमार कुमरे, अधीक्षक, सेंट्रल जेल, नागपुर
प्रोफेसर के पद पर तैनात हो विद्यार्थियों को कर रहे शिक्षित
गड़चिरोली से शिक्षा प्राप्त करने के बाद एलएलबी की परीक्षा पास की। नेट की दो बार परीक्षा पास की। आज राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज विद्यापीठ नागपुर में प्रोफेसर के पद पर कार्यरत हैं। आधुनिक भारत का इतिहास, जनजातीय इतिहास और संस्कृति , भारत की आर्थिक इतिहास, मराठा इतिहास व विश्व इतिहास विषय में विशेष पारंगत हैं। वर्ष 2000 से 2003 में मोर्शी अमरावती में लेक्चरर रहे। वे विद्यापीठ में विविध विभागों के पदों की महती जिम्मेदारी निभा रहे हैं। -डा शामराव कोरेटी, प्रोफेसर, नागपुर विद्यापीठ
Created On :   9 Aug 2021 4:10 PM IST