भाजपा नेताओं के अवैध कब्जों पर चला बुल्डोजर, बड़ी संख्या में मौजूद रहा पुलिस बल

Madhya pradesh, Anuppur : Bulldozers run on illegal occupation of BJP leaders
भाजपा नेताओं के अवैध कब्जों पर चला बुल्डोजर, बड़ी संख्या में मौजूद रहा पुलिस बल
भाजपा नेताओं के अवैध कब्जों पर चला बुल्डोजर, बड़ी संख्या में मौजूद रहा पुलिस बल

डिजिटल डेस्क, अनूपपुर। उच्च न्यायालय के आदेश पर भाजपा नेता के अवैध कब्जों पर मंगलवार को प्रशासन ने बुलडोजर चला दिया। कार्रवाई के दौरान विवाद की स्थिति को देखते हुए मौके पर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात था। बताया जाता है कि यह मामला पिछले पांच वर्षों से लंबित है। पूर्व भाजपा सरकार  के दवाब में कार्रवाई नहीं की जा रही थी। इसके साथ ही एक और अन्य अतिक्रमण को जमीदोज किया गया।
 

यह है मामला
कोयलांचल क्षेत्र के भालूमाडा थानान्तर्गत जमुना  कालोनी के वार्ड क्रमांक 6 में स्थित भूमि खसरा नंबर  638  के 0.382 हेक्टेयर पर  वर्षो से अवैध कब्जा कर रहने वाले सपेन्द्र जायसवाल एवं भाजपा नेता लालबहादुर जायसवाल के अवैध निर्माण पर हाईकोर्ट के आदेश के बाद 16 जुलाई अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की गई। 4350 वर्ग फिट पर बने मकान को ढहाने के लिए प्रशासन ने पूरी तैयारी की थी।  निर्माण स्थल के आसपास के क्षेत्र को मंगलवार की सुबह ही छावनी मे तब्दील कर दिया गया था।  कालरी प्रबंधन, राजस्व एंव पुलिस प्रशासन की मौजूदगी मे अवैध निर्माण को जेसीबी चलाकर ढहा दिया गया।  अतिक्रममण को हटाने के दौरान  अनुपपुर, शहडोल एंव उमारिया जिले से लगभग 200 की संख्या मे पुलिस बल मौजूद रहा। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक वैष्णव शर्मा, एसडीएम कोतमा मिलिन्द्र नागदेवे, तहसीलदार टीआर नाग,एसडीओपी एसएन प्रसाद, प्रतिपाल सिंह, डीएसपी अमित बट्टी,  रक्षित निरीक्षक संजय सूर्यवंशी, जिला यातायात प्रभारी बृहस्पति साकेत समेत एसईसीएल की ओर से जीएम आपरेशन अजित सिह सोढा, मनीष श्रीवास्तव सहित भारी संख्या मे अधिकारी कर्मचारी उपस्थित रहे।  
 

5 वर्ष पूर्व दायर याचिका
एसईसीएल की जमीन पर 3 दशक  पूर्व से सपेन्द्र जायसवाल एंव लालबहादुर जायसवाल द्वारा खसरा नम्बर 638 के जुजभाग जो कि एक एकड के लगभग  जमीन पर कब्जा कर बाउन्ड्री एंव मकान का निर्माण कराया गया था। जिसमे आम नागरिक के द्वारा वर्ष 2014 में  जनहित याचिका दायर करते हुए अतिक्रमण को हटाए जाने की अपील की थी। 20 नंबर 2014 को भी उच्च न्यायालय के आदेश पर अतिक्रमण हटाने के लिए अमला पहुंचा था किंतु स्थगन आदेश मिलने की वजह से मामला लंबित हो गया।
सर्वोच्च न्यायालय तक पहुंचा मामला-
नवंबर 2014 के बाद लालबहादुर जायसवाल व सपेन्द्र जायसवाल के द्वारा सर्वोच्च न्यायालय में भी अपील की गई थी। जहां से उन्हें कोई राहत नहीं मिली और उच्च न्यायालय जबलपुर में पक्ष रखने की बात कही गई। उच्च न्यायालय के निर्देश पर ही 16 जुलाई को अतिक्रमण हटाने के साथ ही अतिक्रमित भूमि को एसईसीएल को सौंपने के निर्देश दिए गए थे।
 

चप्पे-चप्पे पर पुलिस
नंवबर 2014 में अतिक्रमण के विरूद्ध कार्यवाही करने पहुंचे प्रशासनिक अमले व स्थानीय लोगों के बीच टकराव की स्थिति उत्पन्न हो रही थी। जिसे देखते हुए इस बार सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के निर्देशन में निर्माण स्थल के चारों ओर भारी पुलिस बल तैनात किया गया था। निर्माण स्थल तक आवागमन को पूर्णत: रोक दिया गया था। श्रमवीरों की कालोनी में भी कार्यवाही को देखने के लिए लोगो का हुजूम उमडा था जिसे पुलिस बल के द्वारा रोका गया।
 

इनका कहना है
उच्च न्यायालय के आदेश पर अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की गई है। अतिक्रमण मुक्त कराते हुए कालरी प्रबंधन को भूमि सौंप दी गई है।
वैष्णव शर्मा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, अनूपपुर

Created On :   16 July 2019 1:57 PM GMT

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