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70 साल की लड़ाई के बाद मिली जीत, माधवनगर के सिंधी विस्थापितों को मिलेगा मालिकाना हक

डिजिटल डेस्क कटनी। काफी लंबी लड़ाई और जद्दो जहद के बाद अंतत: माधवनगर के सिंधी विस्थापितों को पट्टा देने का रास्ता साफ हो गया । इन विस्थापितों को रहवास की जगह का मालिकाना हक देने पर कैबिनेट ने आज अपनी मुहर लगर दी । माना जा रहा है कि आजादी के बाद का यह सबसे बड़ा निर्णय है जिस परर कल से अमल प्रारंभ हो जाने की प्रबल संभावना है । सत्तर साल से लंबित सिंधियों के मालिकाना को शुक्रवार को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी। कैबिनेट की मंजूरी मिलने से पट्टा वितरण का रास्ता साफ हो गया है। माधवनगर के सिंधी विस्थापितों के पुर्नवास के लिए राजस्व विभाग द्वारा ड्राफ्ट भी तैयार कर लिया गया है। जिसे कार्यवाही के लिए कलेक्टर के पास भेजा जाएगा। एक दो दिन में ही सारी प्रक्रिया पूर्ण कराकर पट्टा वितरण का कार्य प्रारंभ हो जाएगा।
आजादी के बाद बड़ा निर्णय
जानकारी के मुताबिक सिंधी कैंप में 1711 लोगों को पट्टा मिलना है। राज्यमंत्री संजय सत्येंद्र पाठक ने बताया कि मालिकाना हक को कैबिनेट ने मंजूरी देते हुए विधानसभा में प्रस्तुत किया। गौरतलब है कि विभाजन के बाद पश्चिमी पाकिस्तान से आये सिंधी विस्थापित तात्कालिक रूप से कटनी के माधवनगर में बस गए थे। तब से लेकर आज तक सिंधी समुदाय मालिकाना हक की मांग करता रहा। एक दशक पहले डेढ़ हजार से ज्यादा लोगों को पट्टे दिए थे। लेकिन इनमें से अधिकांश का नवीनीकरण नहीं हो पाया था जबकि बड़ी संख्या में और भी लोगों ने पट्टों की मांग की थी।
सरकार ने तैयार किया मसौदा
सरकार ने विस्थापितों को कानून बनाकर भूमि स्वामित्व के पट्टे दिये जाने का पूरा मसौदा तैयार कर लिया है। जिसका केबिनेट की बैठक में अनुमोदन किया गया। मंत्री पाठक ने बताया कि एक-दो दिन में कानूनी प्रक्रिया को पूर्ण कर पट्टे वितरित कर दिए जाएंगे। बैठक में अनुमोदित की गई पुनर्वास योजना का लाभ माधवनगर के 3 हजार से ज्यादा सिंधी परिवारों को मिलेगा। सूत्रों का कहनौ है कि सर्वे का काम एक दो दिन में ही पूरा कर लिया जाए। जिससे सिंधी समाज के प्रमुख पर्व चेट्रीचंड के अवसर पर उन्हें सरकार की तरफ से यह सौगात दी जा सके।
Created On :   16 March 2018 7:39 PM IST