सदन में विपक्ष का जोरदार हंगामा, नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ का आरोप- शिवराज सरकार अदिवासी विरोधी

मध्य प्रदेश विधानसभा सत्र सदन में विपक्ष का जोरदार हंगामा, नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ का आरोप- शिवराज सरकार अदिवासी विरोधी

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मध्य प्रदेश विधानसभा के चार दिवसीय मानसून सत्र की शुरुआत आज (सोमवार) हंगामे के साथ हुई। कांग्रेस ने भाजपा की प्रदेश सरकार पर आदिवासी विरोधी होने का आरोप लगाया तो इस पर विधानसभा में जमकर शोर-शराबा हुआ। 12 अगस्त तक चलने वाले इस मानसून सत्र में मिल्खा सिंह सहित दिवंगत हस्तियों को श्रृद्धांजलि दिए जाने के दौरान ही कांग्रेस विधायकों ने हंगामा शुरु कर दिया।

नेता प्रतिपक्ष कमल नाथ ने सरकार पर आदिवासी विरोधी होने का आरोप लगाया तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कांग्रेस पर स्तरहीन राजनीति करने का आरोप लगाया। साथ ही कहा कि भाजपा ही आदिवासियों की सबसे बड़ी हितैषी है। गौरतलब है कि सोमवार यानी आज आदिवासी दिवस है। इस मौके पर सरकार ने एच्छिक अवकाश घोषित किया है। वहीं, कांग्रेस सामान्य अवकाश घोषित किए जाने की मांग कर रही थी। सामान्य अवकाश घोषित किए जाने की मांग को लेकर कांग्रेस विधायकों का प्रतिनिधि मंडल रविवार को राज्यपाल से भी मिला था।

मानसून सत्र के लिए विधानसभा सचिवालय को कुल 1184 प्रश्नों की सूचना प्राप्त हुई है, जबकि ध्यानाकर्षण की 236, स्थगन प्रस्ताव की 17, शून्यकाल की 40, अशासकीय संकल्प की 14 एवं 139 अविलंवनीय लोक महत्व की चर्चा की आठ, याचिकाओं की 15 तथा शासकीय विधेयकों की तीन तथा लंबित विधेयकों की दो सूचनाएं प्राप्त हुई हैं।

कोरोना महामारी को लेकर विधानसभा परिसर में बगैर मास्क और बगैर वक्सीन वालों के प्रवेश पर रोक लगाई गई है। साथ ही कोरोना गाइड लाइन के पालन के सभी केा निर्देश दिए गए हैं। एक स्थान पर ज्यादा लोगों के इकटठा न होने की बात भी विधानसभाध्यक्ष गिरीश गौतम की अेार से कही गई है।

इस सत्र में बाढ़ को लेकर हंगामा और तीखी नोंकझोंक की संभावना बनी हुई है, क्योंकि कांग्रेस लगातार सरकार पर बाढ़ पीड़ितों के लिए बेहतर इंतजाम न किए जाने के आरोप लगा रही है। वहीं सरकार बाढ़ पीड़ितों की हर संभव मदद का दावा कर रही है। इसके चलते सत्र के आगामी दिनों में देानों दल एक दूसरे को घेरने से नहीं चूकेंगे, ऐसी संभावनाएं बनी हुई है। मध्य प्रदेश के कई हिस्सों में बाढ़ का प्रकोप बना हुआ है। इसके साथ ही, राजनीतिक बयानबाजी का भी दौर जारी है। राज्य के गृहमंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने कांग्रेस से आपदा के समय राजनीति न करने का आग्रह किया है।

शिवराज सिंह ने क्या कहा 
आज कांग्रेस ने सदन की परंपराओं को तार-तार किया। संसदीय परंपराओं और जनजातीय नेताओं का अपमान किया। भाजपा जनजाति समाज की सबसे हितैषी पार्टी है, कांग्रेस आज घड़ियाली आंसू बहा रही है

नरोत्तम मिश्रा ने क्या कहा
कांग्रेस चर्चा से क्यों भागती है। क्योंकि इनके पास सदन में कोई बहस करने वाला नहीं बचा है। उत्तरी भाग में बाढ़ से तबाही है। बाढ़ पर चर्चा नहीं है । क्या वहां जनजाति के लोग प्रभावित नहीं हुए। ये लोग जनहित से जुड़ा कोई मुद्दा उठाते नहीं मिलेंगे।

कमलनाथ ने क्या कहा
हमने प्रदेश में आदिवासी दिवस लागू किया था, प्रदेश में सवा करोड़ आदिवासी रहते हैं। इसमें हम छुट्टी और हर ब्लॉक को पैसे भेजते थे, इसे रद्द करना आदिवासी समाज का अपमान है।

विधानसभा सत्र को लेकर मध्य प्रदेश के गृहमंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा,  कांग्रेस सिर्फ राजनीतिक ट्वीट व बयानबाजी करती है। कांग्रेस नेताओं को कम से कम विपदा के समय तो राजनीति नहीं करना चाहिए। ऐसे वक्त सभी को एकसाथ होकर जनसहयोगी कार्यों पर ध्यान देना चाहिए। आपदा के इस समय में बाढ़ और उससे जुड़े विषयों पर भी सार्थक चर्चा की जा सकती थी।

बारिश के कारण बिगड़े हालात और वर्तमान स्थिति का ब्यौरा देते हुए मंत्री मिश्रा ने बताया, प्रदेश में पिछले 24 घंटे में बारिश की स्थिति सामान्य रही है। बाढ़ के कारण क्षतिग्रस्त हुए। ग्वालियर-शिवपुरी रेल मार्ग पर सुधार कार्य हुआ है। रेलवे आज इस मार्ग पर ट्रॉयल रन करेगा। राज्य के कई हिस्सों में अब भी बारिश की संभावना बनी हुई है। इसे लेकर मौसम विभाग की ओर से दी गई जानकारी के आधार पर मंत्री मिश्रा ने बताया कि मौसम विभाग ने टीकमगढ़, भिंड, श्योपुर में हल्की बारिश की संभावना जताई है, जिसे देखते अलर्ट जारी किया है।

गौरतलब है कि राज्य के ग्वालियर-चंबल इलाके में हुई बारिष ने कहर बरपाया है, बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है और आम जिंदगी मुसीबतों से घिर गई है। राहत और बचाव कार्य अब भी जारी है। प्रभावितों को राहत शिविरों में रखा गया है। सरकार की ओर से पीड़ितों को मदद दिए जाने के प्रयास जारी है।

पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के बयानों पर मंत्री मिश्रा ने कहा, दिग्विजय सिंह को कुछ समय ट्विटर से दूर हो जाना चाहिए या मौन धारण कर लेना चाहिए। भारत और भारतीय प्रेम का संदेश देते हैं, नफरत का नहीं। आप (दिग्विजय सिंह ) बयानबजी नहीं करेंगे, तो नफरत खुद-ब-खुद दूर हो जाएगी। नफरत आपकी(दिग्विजय सिंह ) ट्वीट और बयानबाजी से फैलती है।

 

Created On :   9 Aug 2021 9:01 AM GMT

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