महावितरण में 30 हजार करोड़ रुपए का महाघोटाला, उठी जांच की मांग

महावितरण में 30 हजार करोड़ रुपए का  महाघोटाला, उठी जांच की मांग
महावितरण में 30 हजार करोड़ रुपए का महाघोटाला, उठी जांच की मांग

डिजिटल डेस्क, नागपुर। विदर्भ राज्य आंदोलन समिति (विराआंस) ने महावितरण में 30 हजार करोड़ रुपए के महाघोटाले का आरोप लगाते हुए घोटाले की उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग की है। समिति ने कहा कि विद्युत नियामक बोर्ड ने खुद यह घोटाला ढूंढ़ कर निकाला है। अब इसकी भरपाई करने के लिए महावितरण विद्युत दरों में बढ़ोतरी कर ग्राहकों से पैसा वसूल रही है।

समिति के नेता राम नेवले ने कहा कि, महावितरण ने राज्य में अतिरिक्त रीडिंग दिखाकर किसानों से 22 हजार करोड़ रुपए वसूल किए हैं। सब्सिडी के नाम पर 8 हजार करोड़ रुपए ज्यादा जनता से लूटे हैं। कुल 30 हजार करोड़ रुपए जनता के लूटकर भी 53 हजार करोड़ रुपए का घाटा दिखाया जा रहा है। यह घाटा भरने के लिए बिजली बिलों में 20 प्रतिशत की दरवृद्धि कर 60 हजार करोड़ रुपए वसूल करने की योजना है। समिति ने इसकी उच्चस्तरीय जांच की मांग की है। 

राम नेवले ने कहा कि, एक ओर महाघोटाला किया जा रहा है। दूसरी ओर दो महीने अगर किसान बिजली बिल नहीं भर रहा है, तो उसके कनेक्शन काटे जा रहे हैं। ग्राहकों को मानसिक परेशान करने वाले दोषी अधिकारियों पर भी उन्होंने कार्रवाई की मांग की है। इस मांग को लेकर विदर्भ राज्य आंदोलन समिति के नेतृत्व में जनजागरण अभियान शुरू किया गया है। 

महावितरण के खिलाफ नारेबाजी
विदर्भ चंडिका मंदिर, शहीद चौक, इतवारी में इसे लेकर प्रदर्शन कर महावितरण के खिलाफ नारेबाजी की गई। इस अवसर पर युवा आघाड़ी, नागपुर विभाग के प्रमुख मुकेश मासूरकर, विष्णुजी आष्टीकर, गणेश शर्मा, गुलाबराव धांडे, अनिल केशरवाणी, अन्नाजी राजेधर, नंदूभाऊ पेरकर, विजय मौंदेकर, रामेश्वर मोहबे, प्यारूभाई नौशाद अली, राजेश बंड आदि उपस्थित थे। 
 

Created On :   17 Feb 2020 9:27 AM GMT

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