महाराजबाग में प्राणियों को मिलेगी ठंडी हवा, चखेंगे ताजे फलों का स्वाद

Maharajbagh administration gives more care with cooling or fruits
महाराजबाग में प्राणियों को मिलेगी ठंडी हवा, चखेंगे ताजे फलों का स्वाद
महाराजबाग में प्राणियों को मिलेगी ठंडी हवा, चखेंगे ताजे फलों का स्वाद

डिजिटल डेस्क, नागपुर। गर्मी बढ़ते ही महाराजबाग प्रशासन ने कूलर की ठंडी हवा प्राणियों को उपलब्ध करा दी है। साथ ही खान-पान में बदलाव कर दिया है। मांसाहारी खाना कम कर दिया है। प्राणियों को तरबूज, आम व खीरा उपलब्ध कराया जा रहा है। महाराजबाग जू नगरवासियों के साथ पर्यटकों के लिए आकर्षण का केन्द्र है। यहां जंगल में रहने वाले प्राणियों को पिंजरे में रखा गया है। इनमें बाघ, तेंदुआ, भालू आदि अन्य बड़े प्राणियों के साथ मोर, इमू आदि पक्षी लोगों का सहज ही ध्यान आकर्षित करते हैं।

प्राणियों के लिए पिंजरे में शेड आदि की व्यवस्था है। गर्मी में सूरज की तपन का सीधा असर इन पर देखने को मिलता है। ऐसे में महाराजबाग प्रशासन की ओर से हर बार इनकी सुविधाओं के लिए कूलर की मदद ली जाती है। यह कूलर पिंजरे के बाहर इस तरह लगाए जाते हैं, ताकि पशु-पक्षियों को ठंडी हवा मिल सके।

बाघिन ‘जाई’ को मिला बड़ा पिंजरा
99 दिन तक छोटे से ट्रीटमेंट केज में रही महाराजबाग की बाघिन ‘जाई’ को आखिरकार बड़ा पिंजरा मिल ही गया। उसकी हालत में तेजी से हो रहे सुधार को देखते हुए महाराजबाग प्रशासन ने ऐसा किया है। हालांकि अभी-भी उसका उपचार बंद नहीं किया गया है। जल्द ही ‘जाई’ पूरी तरह से स्वस्थ होने की उम्मीद डॉक्टर ने जताई है। उसे बाघिन ‘ली’ के पिंजरे के बगल में रखा गया है। ‘ली’ बरबस ही यहां आने वालों का ध्यान आकर्षित करती है। कभी ‘जाई’ की भी ऐसी ही स्थिति थी। ‘जाई’ को महाराजबाग में 6 माह की उम्र में लाया था। ‘ली’ के साथ उसे यहां  रखा गया था, लेकिन 3 माह पहले ‘जाई’ की तबीयत खराब होने लगी। उसके पैर में सूजन दिखाई देने व लगातार उसकी हालत खराब होने पर उसकी जांच की गई।

सांप ने डंसा
जांच में उसे सांप ने काटने की बात सामने आई थी। इसमें उसकी किडनी खराब होने की बात भी पता चली थी। गंभीर हालत में उसे ट्रीटमेंट केज में रखा गया। उसे सलाइन के माध्यम से दवाइयां दी जाती हैं। शुरू में ‘जाई’ ने पूरी तरह से खाना भी छोड़ दिया था, लेकिन अब धीरे-धीरे खाना शुरू कर दिया है। डॉक्टरों के अनुसार उसकी तबीयत में कोई खास सुधार भले ही नहीं हुआ है, लेकिन हाल ही में आई रिपोर्ट में ऑन पेपर उसमें सुधार दिख रहा था। रिपोर्ट के अनुसार बाघिन को बड़े पिंजरे में रखा जा सकता है। ऐसे में हाल ही में उसे बड़े पिंजरे में रखा गया है, ताकि वह अपनी गतिविधियों को पूरी तरह से कर सके।

Created On :   11 March 2018 5:19 PM IST

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