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महाराष्ट्र : विदर्भ में 2 माह में 9 बाघों की मौत

डिजिटल डेस्क, नागपुर। भले ही विदर्भ में बाघों की संख्या बढ़ी है, लेकिन इसी तेजी के साथ इसे घटता भी देखा जा रहा है। वर्ष 2021 के पहले दिन से विदर्भ में उमरेड करांडला में बाघ की मौत का सिलसिला शुरू हुआ था। जो अभी तक खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। विदर्भ में इन दो माह में 9 बाघों की मौत हुई है।
रेल पटरी पर मृत मिला
गोंदिया जिले में सोमवार की सुबह 8 बजे दपूम रेलवे नागपुर विभाग अंतर्गत गोंगली-हिरडामली रेल सेक्शन कि.मी. 1025/07-08 पर एक बाघ का शव मिला। एक पैर कटा था। रात में मालगाड़ी की चपेट में आने से बाघ की मौत होने की बात कही जा रही है।
कुछ दिन पहले ही मिली थी खुशी की खबर
हाल ही में नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी की ओर से 2018 की रिपोर्ट को पेश किया है। इसमें महाराष्ट्र में कुल 314 बाघों की मौजूदगी बताई गई थी। हालांकि इसमें सबसे ज्यादा बाघ विदर्भ में ही मौजूद है। 2 सौ के करीब बाघ विदर्भ के जंगलों में है। उसमें भी सबसे ज्यादा चंद्रपुर क्षेत्र में हैं। दूसरे शब्दों में कहें तो यह खुशी की बात है कि विदर्भ में बाघों का कुनबा बढ़ा है, लेकिन दु:ख यह है कि विदर्भ में इनके मौत का सिलसिला भी नहीं थम रहा है। सड़क हादसे में लेकर वे अवैध शिकार की भेंट चढ़ रहे हैं।
इस साल का हाल
1 जनवरी को बाघ का शव परिसर में गश्त करने वाले अधिकारियों को मिला था।
1 जनवरी को ही दूसरी जगह बाघिन व उसके दो शावक मृत पाए गए थे।
27 जनवरी को भद्रावती रेंज में वन अधिकारियों ने बाघ का शव पाया गया था।
8 फरवरी को वर्धा वन परिक्षेत्र में एक बाघ की मौत दर्ज की गई।
9 फरवरी को ताडोबा के मोहर्ली बफर जोन में बाघ की मौत दर्ज की गई।
28 फरवरी को पेंच में बाघ की मौत हुई है, जो अधिकारियों को हैरान करने वाली रही।
Created On :   9 March 2021 2:30 PM IST