मराठी भाषा विवाद : विपक्ष का आरोप, तावड़े ने किया राज्यपाल का अपमान

Maharashtra assembly Opposition leader Dhananjay Munde protest of Governors speech
मराठी भाषा विवाद : विपक्ष का आरोप, तावड़े ने किया राज्यपाल का अपमान
मराठी भाषा विवाद : विपक्ष का आरोप, तावड़े ने किया राज्यपाल का अपमान

डिजिटल डेस्क, मुंबई।  विधान परिषद में विपक्ष के नेता धनंजय मुंडे ने राज्यपाल के अभिभाषण का मराठी भाषा में अनुवाद सुनाई नहीं देने का मुद्दा सदन में उठाया। मुंडे ने कहा कि राज्यपाल का अभिभाषण शुरू होने के 14 मिनट तक सदस्यों को मराठी भाषा में अनुवाद हेडफोन में सुनने को नहीं मिला। मराठी भाषा गौरव दिवस के ऐन पहले सरकार ने मराठी भाषा का अपमान किया है। उन्होंने सवाल किया कि अनुवादक समय पर क्यों नहीं पहुंचा। सरकार को इस मामले की जांच करानी चाहिए। 

मराठी भाषिकों का अपमान बताकर भड़के
 कांग्रेस सदस्य शरद रणपिसे ने कहा कि राज्यपाल जब अभिभाषण देते हैं तो कोई मंत्री और सदस्य उठकर नहीं जा सकता है। राज्यपाल सदन में भाषण दे रहे थे उसी समय शिक्षा मंत्री विनोद तावडे उठकर गए और अभिभाषण का मराठी में अनुवाद करने लगे। तावडे ने राज्यपाल का अपमान  किया है। इस पर सदन के नेता व प्रदेेश के राजस्व मंत्री चंद्रकांत पाटील ने कहा कि अधिवेशन के दौरान कामकाज की जिम्मेदारी विधानमंडल सचिवालय की होती है। फिर भी जो घटना घटी है, इसके लिए मैं सदन में खेद व्यक्त करता हूं। इस पर आपत्ति जताते हुए राष्ट्रवादी कांग्रेस के सदस्य सुनील तटकरे ने कहा कि महाराष्ट्र विधानमंडल के इतिहास में पहली बार घटना हुई है। तटकरे ने कहा कि मंत्री पाटील यह कहकर अपनाी जिम्मेदारी से पल्ला नहीं झाड़ सकते कि  यह काम विधानमंडल सचिवालय के अधीन होता है। सरकार ने 12 करोड़ मराठी भाषिकों का अपमान किया है। सरकार चाहती ही नहीं थी कि अभिभाषण का मराठी में अनुनवाद हो। तटकरे ने कहा कि विपक्ष के सदस्यों की सतर्कता से यह मामला सामने आया। तटकरे ने कहा कि मुझे आश्चर्य है कि मराठी के मुद्दे पर राजनीति करने वाली शिवसेना घटना के समय चुप कैसे रही। क्योंकि सदन में यदि कोई सदस्य कभी अंग्रेजी शब्द का प्रयोग करता है तो शिवसेना के सदस्य व परिवहन मंत्री दिवाकर रावते तुरंत आपत्ति जताते हैं और उस शब्द का मराठी में अनुवाद करने को कहते हैं। इसके बाद सभापति रामराजे निंबालकर ने कहा कि विधानमंडल के प्रधान सचिव अनंत कलसे को इस मामले की जांच के आदेश दिए गए हैं। इस बीच शेकाप के सदस्य जयंत पाटील ने कहा कि मंत्री तावडे ने गलत परंपरा शुरू की है। यदि कभी सदन में अधिकारी नहीं रहेंगे तो तावडे क्या उस अधिकारी की कुर्सी पर जाकर बैठेंगे। 

मुख्यमंत्री के आदेश के बाद अनुवाद किया - तावडे 
विधान भवन परिसर में पत्रकारों से बातचीत में शिक्षा मंत्री विनोद तावडे ने कहा कि राज्यपाल के अभिभाषण का मराठी में अनुवाद न सुनाई देना बड़ी चूक है। अनुवादक की गैर मौजूदगी को देखते हुए मैंने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से अनुमति लेकर राज्यपाल के अभिभाषण का मराठी में अनुवाद किया। राज्यपाल के अभिभाषण शुरू होने के छह-सात मिनट बाद सदस्यों को मराठी में अनुवाद सुनाई दे रहा था।
 

Created On :   26 Feb 2018 4:11 PM IST

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