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जलयुक्त शिवार योजना पर आरोप लगाकर कांग्रेस ने किसानों का अपमान किया है : फडणवीस
डिजिटल डेस्क, मुंबई। सरकार की महत्वाकांक्षी जलयुक्त शिवार योजना में भ्रष्टाचार का आरोप लगाने वाली कांग्रेस पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने पलटवार किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि भ्रष्टाचार का आरोप लगाकर कांग्रेस ने उन तमाम किसानों और ग्रामवासियों का अपमान किया है जिन्होंने अपने पुरुषार्थ और मेहनत से जलयुक्त शिवार योजना के लिए काम करके गांवों को सूखा मुक्त किया है।
मंगलवार को मंत्रालय में पत्रकारों से बातचीत में मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस यह समझ ही नहीं पाई है कि जलयुक्त शिवार योजना क्या है। उन्होंने कहा कि यह योजना उस लिए है कि कम बारिश होने पर भी खेती के लिए पानी बचना चाहिए। इस योजना का यह अर्थ नहीं है कि कम बारिश हुई तो भी जमीन में से पानी निकलकर सतह पर आएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि भूजल सर्वेक्षण व विकास यंत्रणा ने जिन कुओं का अध्ययन करके भूजल स्तर के बारे में रिपोर्ट तैयार की है, वह सभी कुएं जलयुक्त शिवार योजना वाले गांवों में नहीं है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले साल 80 प्रतिशत बारिश होने के बावजूद भी कृषि उत्पादन उतना हुआ जितना कि 100 प्रतिशत बारिश होने पर होता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि लगातार तीन सालों तक कम बारिश हुई है। इस कारण जलयुक्त शिवार के कारण जो पानी जमीन के भीतर जाता है उस पानी को खेती के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। इस कारण भूजल स्तर कम हुआ है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस साल खेती करने के लिए बिजली की खपत में 27 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। इसका मतलब यह है कि जमीन में से पानी खेती के उपयोग के लिए निकाला गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन तहसीलों में औसत बारिश होती है वहां पर जलस्तर बढ़ा नजर आ रहा है।
154 पुलिस उपनिरीक्षक सेवा में शामिल होंगे
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने राज्य के 154 पुलिस उपनिरीक्षकों को सेवा में शामिल करने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि सभी पुलिस उपनिरीक्षकों ने ट्रेनिंग ली थी। लेकिन मैट के फैसले के कारण उनकी बहाली नहीं हो पाई। सरकार का मानना है कि उनकी पदोन्नति नहीं हुई थी, बल्कि नियमित परीक्षा पास करने के बाद पुलिस उपनिरीक्षक की ट्रेनिंग ली है। इसलिए सभी को नौकरी में शामिल किया जाएगा।
पटाखा जलाते ध्वनि प्रदूषण का भी ध्यान रखना चाहिए
दीपावली के दौरान कम आवाज वाले पटाखे फोड़ने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सभी को यह प्रयास करना चाहिए कि ध्वनि प्रदूषण कम कैसे हो। हमें अपने त्यौहार हर्ष व उल्हास से मनाना चाहिए। लेकिन हम लोगों को पर्यावरण का भी विचार करना चाहिए। क्योंकि ध्वनि प्रदूषण का असर केवल एक व्यक्ति नहीं बल्कि पूरे समाज पर पड़ता है। इसलिए कानून और अदालत के फैसले का इंतजार किए बिना हम सबको यह प्रयास करना चाहिए कि पारंपरिक तरीके से त्यौहार मनाया जाए।
Created On :   23 Oct 2018 1:17 PM GMT