महाराष्ट्र: शावक की डीएनए जांच , 40 दिन बाद मां से मिलाने की तैयारी

Maharashtra: DNA test of cub, preparation to reunite with mother after 40 days
महाराष्ट्र: शावक की डीएनए जांच , 40 दिन बाद मां से मिलाने की तैयारी
महाराष्ट्र: शावक की डीएनए जांच , 40 दिन बाद मां से मिलाने की तैयारी

डिजिटल डेस्क, नागपुर।  महाराष्ट्र में चंद्रपुर के जंगल में मां से बिछड़े बाघ के शावक की डीएनए जांच कर 40 दिन बाद उसे उसकी मां से मिलाने की तैयारी कर ली गई है। यह शावक जंगल से भटकते हुए चंद्रपुर के दाबगांव में आ पहुंचा था। वन्यजीव विशेषज्ञों का कहना है कि यह देश का पहला मामला है, जब किसी बाघ के शावक की मां की पहचान के लिए अपशिष्ट का परीक्षण किया गया है, क्योंकि इस इलाके में दो मादा बाघिन घूम रही हैं। 

ट्रीटमेंट सेंटर में शावक को कोरोना वायरस से बचाने के लिए क्वारेंटाइन किया गया था
मां से बिछड़े चार महीने के शावक को वन विभाग ने 24 अप्रैल को चंद्रपुर के ट्रांजिट ट्रीटमेंट सेंटर भेजा था। कोरोना वायरस के मद्देनजर सावधानी बरती गई और उसे 14 दिन क्वारेंटाइन किया गया। लक्षण सामने न आने पर उसकी मां की तलाश शुरू हुई। दरअसल, इलाके में दो मादा बाघिन अपने बच्चों के साथ रह रही हैं। वन विभाग को डर था कि यदि गलत बाघिन के पास शावक गया तो उसे वह स्वीकार नहीं करेगी। तब दोनों बाघिन के मल के नमूने जांच के लिए हैदराबाद के सेंटर फॉर सेलुलर एंड मॉलीक्यूलर बायोलॉजी (सीसीएमबी) भेजा गया था। मंगलवार को वहां से रिपोर्ट आ गई और पता चला कि टी-2 बाघिन ही उस शावक की मां है।

 महाराष्ट्र के प्रधान वन संरक्षक नितिन काकोड़कर ने बताया कि शावक को उसकी वास्तविक मां के पास छोड़ना जरूरी था। यदि ऐसा नहीं करते तो उसकी जान को खतरा हो सकता था। दाबगांव इलाके में दो बाघिन हैं और दोनों के तीन-तीन शावक हैं। ऐसे में वन विभाग ने उन्हें टी-1 और टी-2 नाम दिए थे। अब रिपोर्ट से पुष्टि हो गई है कि टी-2 बाघिन उस शावक की मां है। ट्रांजिट सेंटर से यह बाघिन महज 7-8 किमी के क्षेत्र में भ्रमण कर रही है। अब नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी की गाइडलाइंस के तहत शावक को मां के पास छोड़ा जाएगा। क्या बाघिन शावक को पहचान लेगी? इस पर वन्यप्राणी विशेषज्ञ मारुति चितमपल्ली ने बताया कि शावकों को दिन के उजाले में देखने में दिक्कत होती है। बाघिन उन्हें गुफा में छोड़कर शिकार करने जाती है। इस दौरान कई शावक बाहर निकलकर भटक जाते हैं। हालांकि, बाघिन गंध के आधार पर शावक को पहचान लेती है। इस वजह से घबराने की जरूरत नहीं है।

Created On :   4 Jun 2020 6:43 AM GMT

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