जल्द खत्म होगा बिजली संकट, NCP का आरोप- महाराष्ट्र के हिस्से का कोयला दूसरे राज्यों को बांट रही सरकार

Maharashtra Government shares its coal with other states - NCP
जल्द खत्म होगा बिजली संकट, NCP का आरोप- महाराष्ट्र के हिस्से का कोयला दूसरे राज्यों को बांट रही सरकार
जल्द खत्म होगा बिजली संकट, NCP का आरोप- महाराष्ट्र के हिस्से का कोयला दूसरे राज्यों को बांट रही सरकार

डिजिटल डेस्क, मुंबई। एक साल के भीतर महाराष्ट्र में बिजली की मांग में 20 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। पिछले वर्ष इस समय बिजली की मांग 16912 मेगावाट थी जो इस साल बढ़ कर 22 हजार 410 मेगावाट तक पहुंच गई है। बढ़ती गर्मी और कोयले की आपूर्ति प्रभावित होने की वजह से यह परेशानी हुई। ऊर्जा विभाग का कहना है कि एक सप्ताह के भीतर स्थिति सामान्य हो जाएगी। ऊर्जा विभाग के सूत्रों के अनुसार गुरुवार को राज्य में बिजली की मांग 22410 मेगावाट रही। ऊर्जा विभाग के एक अधिकारी ने फिलहाल 500 मेगावाट की कमी है। यह कमी भी एक सप्ताह के भीतर पूरी कर ली जाएगी। उन्होंने बताया कि हम अभी 8613 मेगावाट बिजली की व्यवस्था केंद्र से कर रहे हैं। राज्य के बिजली घरों के लिए 32 रेक कोयले की जरूरत होती है। फिलहाल हमें 22 रेक कोयला मिल रहा है। एक रेक में 3850 मैट्रिक टन कोयला होता है। इस लिहाज से राज्य को प्रतिदिन 1,23,200 मैट्रीक टन कोयले की आवश्यकता होती है। जबकि इन दिनों 84 हजार 700 मैट्रीक टन कोयले की आपूर्ति हो रही है। 

महाराष्ट्र का कोयला मप्र, राजस्थान-छत्तीसगढ़ को दे रही फडणवीस सरकार’
उधर बिजली कटौती के लिए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने भाजपा सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा है कि मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ का चुनाव जीतने के लिए सरकार महाराष्ट्र के हिस्से का कोयला इन चुनाव वाले राज्यों को दे रही है। जिससे वहां बिजली कटौती न हो सके। पार्टी प्रवक्ता नवाब मलिक ने कहा कि कोयले के अभाव में महाराष्ट्र में 3 हजार मेगावाट बिजली की कमी पैदा हो गई है इससे राज्य के ग्रामीण इलाकों में 12 से 18 घंटे बिजली कटौती हो रही है। उन्होंने राज्य के ऊर्जा मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले और सरकारी बिजली कंपनियों के निदेशक विश्वास पाठक के इस्तीफे की मांग की है। 

कटौती को लेकर पहले से कोई सूचना नहीं

गुरुवार को मलिक ने कहा कि सरकार ने बिजली कटौती को लेकर पहले से कोई सूचना नहीं दी। अचानक कटौती से ग्रामीण इलाकों के लोग परेशान हैं। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के बिजली घरों को 32 रेक कोयले की जरूरत होती है पर इन दिनों आधा कोयला ही मिल रहा है। मध्य प्रदेश, राजस्थान व छत्तीसगढ़ में चुनाव घोषित हो चुके हैं। इस लिए भाजपा शासित इन राज्यों में महाराष्ट्र के हिस्से का कोयला दिया जा रहा है। जिससे वहां बिजली कटौती की नौबत न आए और पार्टी वहां चुनाव जीत सके। राकांपा नेता ने कहा कि राजस्थान में भी एक माह पहले कोयले की किल्लत की वजह से बिजली कटौती हो रही थी। लेकिन अब चुनाव घोषित होने के बाद वहां की सरकार किसी भी तरह बिजली कटौती से बच रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा के राजनीतिक लाभ के लालच का खामियाजा महाराष्ट्र की जनता भुगत रही है। 

‘ठेकेदारी में व्यस्त हैं ऊर्जा मंत्री’

मलिक ने बिजली किल्लत के लिए राज्य के ऊर्जा मंत्री बावनकुले और उनके सलाहकार विश्वास पाठक को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि ऊर्जा मंत्री पहले बिजली विभाग के ठेकेदार थे। और अब वे अपने परिवार को ठेके दिलाने में लगे रहते हैं जबकि उनके सलाहकार पाठक को बिजली क्षेत्र के बारे में कोई जानकारी नहीं है। पाठक पहले एक अखबार के प्रबंध निदेशक थे। उन्हें केवल कागज और स्याही के बारे में जानकारी हो सकती है। जबकि उऩका सरकारी बिजली कंपनियों का निदेशक और ऊर्जा मंत्री का सलाहकार बना दिया गया है। मलिक ने बताया कि बिजली कटौती के खिलाफ राकांपा की महिला कार्यकर्ता आगामी 12 अक्टूबर से राज्यभर में कंदील आंदोलन करेंगी, जबकि युवा कार्यकर्ता सरकारी बिजली कंपनी के कार्यालयों के सामने धरना-प्रदर्शन करेंगे।

Created On :   11 Oct 2018 3:39 PM GMT

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story