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जाति पड़ताल समिति से जुड़ी दिक्कतों को जानेगी पूर्व न्यायधीश की अध्यक्षता वाली कमेटी

डिजिटल डेस्क, मुंबई। जाति पड़ताल समिति की जुड़ी दिक्कतों को देखने के लिए राज्य सरकार ने रिटायर जस्टिस पीवी हरदास की अध्यक्षता में कमेटी गठित की है। यह कमेटी जांच करेगी कि जाति प्रमाणपत्र के लिए पेश किए जाने वाले दावे के निपटारे में विलंब क्यों होता है और जाति से जुड़े दावों के प्रलंबित रहने की क्या वजह है। राज्य के महाधिवक्ता आशुतोष कुंभकोणी ने बांबे हाईकोर्ट को यह जानकारी दी है। हाईकोर्ट में अनुसूचित जाति व जनजाति के दावे के निपटारे में होनेवाले विलंब को लेकर एक गैर सरकारी संस्था ने जनहित याचिका दायर की है। याचिका में दावा किया गया है कि जाति पड़ताल कमेटी का गठन ठीक तरह से नहीं किया जाता है। साथ ही कई जाति पड़ताल कमेटी के चेयरमैन के पद रिक्त है, जिससे जाति से जुड़े दावे के निपटारे में विलंब होता है।
चीफ जस्टिस नरेश पाटील और जस्टिस एनएम जामदार की बेंच के सामने राज्य के महाधिवक्ता ने कहा कि सरकार अपनी तरफ से जाति पड़ताल कमेटी के पास प्रलंबित मामलों के निपटारे के लिए प्रभावी कदम उठा रही है। सरकार ने इसके लिए विशेष अभियान चलाया था। इस दौरान व्यवसायिक पाठ्यक्रमों में प्रवेश लेने के इच्छुक आरक्षित वर्ग के छात्रों के जाति से जुड़े दावों का निपटारा प्राथमिकता से किया गया है। दावों का निपटारा कैसे तेजी से हो इसके लिए कमेटी से जुड़े सदस्यों व अधिकारियों के लिए प्रशिक्षण शिविर भी आयोजित किए गए हैं। कई वरिष्ठ अधिकारियों को कमेटी में कार्य के लिए प्रतिनियुक्ति पर भेजा गया है। इसके अलावा जिला न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीशों को भी कमेटी में शामिल करने के बारे में विचार किया जा रहा है। इस मामले को लेकर सरकार ने हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश पीवी हरदास की अध्यक्षता में एक कमेटी भी गठित की है। सरकार इस कमेटी की रिपोर्ट मिलने का इंतजार कर रही है।
Created On :   9 Feb 2019 7:28 PM IST