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स्कूली बच्चों को दी जाने वाली किताब में कुछ भी आपत्तिजनक नहीं : महाराष्ट्र शिक्षामंत्री

डिजिटल डेस्क, मुंबई। विपक्ष के आरोपों को पूरी तरह से बेबुनियाद बताते हुए राज्य के शिक्षामंत्री विनोद तावडे ने कहा है कि छात्रों को स्कूलों में पुस्तक वाचन उपक्रम के तहत दी जाने वाली किताब में कुछ भी आपत्तिजनक नहीं है। छात्रों के लिए जिस ‘बाल नचिकेता’ और ‘भगवान वेदव्यास’ पुस्तक का वितरण किया जाना है, उनमें कुछ भी आपत्तिजनक नहीं है। तावडे ने कहा कि विधानसभा में विपक्ष के नेता राधाकृष्ण विखेपाटील जिस किताब का जिक्र कर रहे हैं, वह यह किताब नहीं है।
दूसरी किताब दिखा रहे विपक्ष के नेता
बुधवार को मंत्रालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए शिक्षामंत्री ने कहा कि अभी इन किताबों की खरीद प्रक्रिया चल रही है। छात्रों में इनका वितरण नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि शिक्षामंत्री हर किताब खुद पढ़ कर उसकी जांच-पड़ताल नहीं कर सकता। यह कार्य महाराष्ट्र विद्या प्राधिकरण, पुणे की तरफ से किया जाता है। उन्होंने कहा कि विपक्ष ‘बाल नचिकेता’ पुस्तक में अश्लील सामाग्री की बात कह रहा है, लेकिन छात्रों को जो पुस्तक बांटी जानी है, उसमें ऐसा कुछ है ही। विपक्ष के नेता विखेपाटील जो किताब दिखा रहे हैं, वह दो साल पहले कुंभ मेले में बांटने के लिए छापी गई थी। उस पुस्तक की सामाग्री छात्रों के लिए तैयार पुस्तक में नहीं है। विपक्ष गलत जानकारी के आधार पर आरोप लगा रहा है।
मंहगे दरों पर नहीं खरीदी गई पुस्तक
विपक्ष के नेता विखेपाटील के एक अन्य आरोप के जवाब में तावडे ने कहा कि भारतीय विचार साधना केंद्र से 20 रुपए किमत वाली किताब शिक्षा विभाग द्वारा 50 रुपए में खरीदे जाने का आरोप सही नहीं है। उन्होंने कहा कि विखेपाटील ने मीडिया के सामने जिस किताब को पेश किया है और टेंडर के माध्यम से सरकार जो किताब खरीद रही है, उसकी क्वालिटी में काफी फर्क है। विखेपाटील ने 20 रुपए में जो किताब खरीदी है वह ब्लैक एंड व्हाइट है जबकि सरकार की तरफ से खरीदी जाने वाली किताब पूरी रंगीन है और उसकी पेपर क्वालिटी भी अच्छी है।
मोदी पर आधारित किताब पर दिया यह जवाब
शिक्षामंत्री ने कहा कि विपक्ष यह भी आरोप लगा रहा है कि शिक्षा विभाग ने छत्रपति शिवाजी महाराज, डॉ. आंबेडकर, शाहूजी महाराज व महात्मा फुले की बजाय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जुड़ी किताब की खरीद पर अधिक पैसे खर्च किए हैं, लेकिन यह सही नहीं है। हमनें शिवाजी महाराज पर आधारित किताब 3 लाख 50 हजार, शाहूजी महाराज की 2 लाख, बाबा साहेब आंबेडकर व एपीजे अबुल कलाम कि 2 लाख प्रतियां खरीदी है जबकि प्रधानमंत्री मोदी से जुड़ी 72 हजार किताबें ही खरीदी गई है।
Created On :   14 Feb 2018 10:07 PM IST