बिजली बिल से होगी किसान सब्सिडी की वसूली, 10 पैसे प्रति यूनिट बढ़ेगा सरचार्ज

maharashtra govt will increase electricity bill with including farmers subsidy
बिजली बिल से होगी किसान सब्सिडी की वसूली, 10 पैसे प्रति यूनिट बढ़ेगा सरचार्ज
बिजली बिल से होगी किसान सब्सिडी की वसूली, 10 पैसे प्रति यूनिट बढ़ेगा सरचार्ज

डिजिटल डेस्क, नागपुर। राज्य सरकार और महावितरण अपनी पीठ थपथपाने के लिए विद्युत उपभोक्ताओं की कमर तोड़ रही है। हाल ही में की गई विद्युत दर वृद्धि के बाद अब व्यवसायिक व औद्योगिक उपभोक्तओं पर 10 पैसे प्रति यूनिट का सरचार्ज थोपा गया है। कारण किसानों को सोलर कृषिपंप उपलब्ध कराने के मद्देनजर बताया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि हाल ही में ऊर्जामंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने वर्ष 2019 से 2021 तक तीन वर्षों में राज्य के किसानों को 1 लाख सौरऊर्जा आधारित कृषि पंप देने की घोषणा की थी। पहले चरण में 25 हजार पंप दिए जाने हैं। इसके लिए करीब 825 करोड़ रुपए की आवश्यकता होगी। 10 पैसे प्रति यूनिट के सरचार्ज से सरकार को उम्मीद है कि 90 करोड़ रुपए प्रतिमाह जमा हो सकेंगे। उल्लेखनीय है कि 3 एचपी के सौर पंप की अनुमानित कीमत 2 लाख 40 हजार से 2 लाख 55 हजार है। 5 एचपी के पंप 3 लाख 25 हजार से 3 लाख 85 हजार तक पड़ेगे। 

सब्सिडी की पूर्ति के लिए लेंगे 10 पैसे यूनिट सरचार्ज
सरकार ने घोषणा तो कर दी कि सौर आधारित 1 लाख कृषिपंप लगाए जाएंगे। साथ ही लाभार्थी को इसकी कीमत का मात्र 5 प्रतिशत ही देना होगा, लेकिन अभी तक इसका शासन निर्णय भी जारी नहीं हुआ है। अनुमान है कि पूर्व की तरह केंद्र सरकार, राज्य सरकार तथा शेष राशि महाराष्ट्र ऊर्जा विकास एजेंसी तथा महावितरण के सिर पर है। चूंकि इस राशि के लिए कोई प्रावधान नहीं किया गया है। अत: सरकार ने बगैर अभी बगैर यह तय किए कि किसे कितना बोझ ढोना है, 10 पैसा प्रति यूनिट की दर से व्यवसायिक व ओद्योगिक उपभोक्ताओं पर सरचार्ज लगा दिया है। यह सरचार्ज 1 नवंबर से लागू हो गया है। खास यह कि हरित ऊर्जा के नाम से टेक्स पर 9 प्रतिशत चार्ज पहले से ही वसूला जा रहा है। 

सितंबर में ही हुई दर वृद्धि से उद्योगों की कमर टूटी हुई है
आयोग के अनुसार उद्योगों की दर में 5 से 9 प्रतिशत की वृद्धि मंजूर की है। लेकिन पावर फैक्टर की छूट को आधा कर देने से यह वृद्धि 12 प्रतिशत तक पड़ रही है। ऐसे में पहले से देश की सबसे अधिक बिजली दर झेल रहे महाराष्ट्र के उद्योगों की कमर पहले से ही टूटी हुई है।

Created On :   5 Nov 2018 7:22 PM GMT

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