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मध्यप्रदेश की भावांतर योजना का अध्ययन करेगी महाराष्ट्र सरकार

- प्रदेश सरकार प्रदेश में किसानों को हो रही समस्या और उनके द्वारा किसानों द्वारा किए जा रहे आत्महत्याओं को प्रतिबंधित करने के लिए इस योजना का संचालन किया है |
- भावांतर योजना- इस योजना के अंतर्गत राज्य सरकार किसानों के बैंक खातों में बिक्री मूल्य ( मंडियों में ) और लाभकारी मूल्य के बीच का भुगतान करेगी |
- भावांतर योजना अंतर्गत फसल-सोयाबीन
- मूंगफली
- तिल
- रामतिल
- मक्का
- मूंग
- उड़द
- तुवर दाल
- समर्थन मूल
डिजिटल डेस्क, मुंबई। महाराष्ट्र सरकार मध्यप्रदेश के भावांतर योजना का अध्ययन करने के लिए जल्द ही एक समिति गठित करेगी। अगर योजना किसानों के लिए फायदेमंद होगी तो इसे महाराष्ट्र में लागू करने पर विचार किया जाएगा। विधानसभा में पूछे गए सवाल के जवाब में विपणन मंत्री सुभाष देशमुख ने यह जानकारी दी। भाजपा के विकास कुंभारे ने वाशिम जिले के मंगलूपीर और शेलूबाजार कृषि उत्पन्न बाजार समिति में कम दर पर सोयाबीन बेचने वाले किसानों को अनुदान न मिलने से जुड़ा सवाल पूछा था जवाब में मंत्री देशमुख ने बताया कि किसानों के लिए प्रति क्विंटल 200 रुपए (25 क्विंटल तक) सोयाबीन का अनुदान मंजूर किया गया है। अगर 7/12 पिता के नाम पर हो और उसके बेटे ने फसल बेची हो तो भी यह अनुदान मिलेगा।
10 एकड़ जमीन मिलने पर सौर ऊर्जा परियोजना लगाएगी सरकार
किसानों को दिन में और 12 घंटे से ज्यादा बिजली देने के लिए सौर ऊर्जा के जरिए बिजली की व्यवस्था करनी होगी। फिलहाल सौर ऊर्जा की दर साढ़े तीन रुपए से भी कम हो गई है। जो जनप्रतिनिधी अपने इलाके में 10 हजार एकड़ जमीन की व्यवस्था कर सकेंगे सरकार वहां सौर ऊर्जा परियोजना लगाएगी। प्रश्नकाल के दौरान ऊर्जा मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने यह जानकारी दी। कांग्रेस के जयकुमार गोरे, संग्राम थोपटे आदि सदस्यों ने ग्राहकों को गलत बिजली बिल भेजे जाने और दो लाख से ज्यादा आवेदकों को कनेक्शन न मिलने का मुद्दा उठाया था जवाब में मंत्री बानवकुले ने बताया कि दिसंबर 2019 तक दो लाख 39 हजार 369 आवेदकों को कनेक्शन दे दिए जाएंगे। इसके अलावा गुजरात और पंजाब की तर्ज पर हर दो किसान के लिए एक ट्रांसफार्मर लगाने की भी योजना है।
बिल बकाया होने पर नहीं कटेगी आगनबाड़ी की बिजली
राज्य सरकार इस बात की व्यवस्था करेगी कि बिल बकाया होने पर आंगनबाड़ियों की बिजली न काटी जाए। विधानसभा में पूछे गए सवाल के जवाब में उर्जा मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने यह जानकारी दी। शिवसेना के सदानंद चव्हाण ने प्रश्नकाल में रत्नागिरी जिले के चिपलून तालुका में महावितरण कंपनी द्वारा आंगनबाड़ियों की बिजली काटने से जुड़ा सवाल पूछा था। जवाब में मंत्री बावनकुले ने बताया कि मौजूदा सरकार ने 2014 से आंगनबाड़ियों, सरकारी स्कूल और अस्पतालों से घरेलू उपभोक्ताओं से भी कम दर से बिजली बिल वसूला जाता है। पहले व्यावसायिक दर से बिजली वसूले जाने के चलते आंगनबाड़ियों का बिल ज्यादा आता था जो भरना उनके लिए संभव नहीं था।
बिजली व्यवस्था के आधुनिकीकरण पर खर्च होंगे 5200 करोड़
40 साल पुरानी राज्य की बिजली वितरण व्यवस्था के आधुनिकीकरण के लिए 5200 करोड़ रुपए का प्रस्ताव तैयार किया गया है। इसे जल्द ही मंत्रिमंडल के समक्ष लाया जाएगा। आने वाले कुछ समय में पूरी व्यवस्था ठीक कर दी जाएगी। जिससे आए दिन होने वाले हादसों पर लगाम लग सकेगा। विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान ऊर्जा मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने यह जानकारी दी। पीडब्ल्यूपीआई पार्टी के सुभाष उर्फ पंडितशेठ पाटील, भाजपा के एकनाथ खडसे आदि सदस्यों ने रायगढ जिले के अलीबाग तालुका में स्थित नवेदर वनगांव में बिजली के तार पुराने होने से जुड़ा सवाल पूछा था। जवाब में मंत्री बावनकुले ने बताया कि राज्य की जर्जर बिद्युत वितरण प्रणाली को बेहतर करने के लिए निधि का प्रावधान करना पड़ेगा।
Created On :   8 March 2018 10:26 PM IST