महाराष्ट्र: विधान परिषद पहुंचेंगे उद्धव सहित सात नए चेहरे 

Maharashtra: Seven new faces including Uddhav to reach the Legislative Council
महाराष्ट्र: विधान परिषद पहुंचेंगे उद्धव सहित सात नए चेहरे 
महाराष्ट्र: विधान परिषद पहुंचेंगे उद्धव सहित सात नए चेहरे 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। महाराष्ट्र विधान परिषद के सदन में अब 7 नए चेहरे नजर आएंगे। विधान परिषद की 9 सीटों पर 21 मई को होने वाले चुनाव के लिए 14 उम्मीदवारों ने पर्चा दाखिल किया है। इनमें से 5 डमी उम्मीदवार हैं जो अपना नामांकन वापस ले लेंगे।नामांकन वापसी के दिन 14 मई के दिन 9 सदस्यों के निर्वाचित होने की औपचारिक घोषणा होगी। इस चुनाव में विधान परिषद के लिए चुने जाने वाले 9 में से 7 उम्मीदवार पहली बार विधान परिषद के सदस्य बनेंगे। इसमें शिवसेना के 1, राकांपा के 2, कांग्रेस के 1 और भाजपा के 3 सदस्य हैं। जबकि 2 सदस्य विधान परिषद के सदस्य रह चुके हैं। इनमे शिवसेना और भाजपा के एक-एक नेता शामिल हैं। इस चुनाव में शिवसेना की ओर से उतरे मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, राकांपा से शशिकांत शिंदे, अमोल मिटकरी, कांग्रेस से राजेश राठोड, भाजपा से गोपीचंद पडलकर, प्रवीण दटके और अजित गोपछडे पहली बार विधान परिषद के लिए निर्वाचित होंगे। जबकि शिवसेना की उम्मीदवार नीलम गोर्हे विधान परिषद की सदस्य रह चुकी हैं। भाजपा उम्मीदवार रणजीतसिंह मोहिते पाटील भी विधान परिषद सदस्य रह चुके हैं। तब रणजीतसिंह राकांपा में थे। राकांपा ने उन्हें विधान परिषद का सदस्य बनाया था।

कोई परिवारवाद का चेहरा तो किसी को संघर्ष से मिला मौका
विधान परिषद के चुनाव में सत्ताधारी और विपक्षी दल ने जिन उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है उसमें से किसी को परिवारवाद के कारण मौका मिला है तो किसी ने संघर्ष के बल पर राजनीति में पहचान बनाई है। साल 2019 के विधानसभा चुनाव बाद अप्रत्याशित रूप से ठाकरे परिवार के मुखिया उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री बने। अब वह शिवसेना की ओर से विधान परिषद का सदस्य बनेंगे। भाजपा ने लोकसभा चुनाव से पहले पार्टी में शामिल होने वाले पूर्व उपमुख्यमंत्री विजयसिंह मोहिते पाटील के बेटे रणजीतसिंह मोहिते पाटील को उम्मीदवार बनाया है। रणजीतसिंह अपने पिता के सियासी विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं।

 भाजपा ने राज्य में धनगर समाज में लोकप्रिय चेहरा गोपीचंद पडलकर को विधान परिषद में भेजने के लिए उम्मीदवार दी है। पडलकर विधानसभा चुनाव में हार चुके हैं। भाजपा उम्मीदवार प्रवीण दटके पार्टी के नागपुर शहर अध्यक्ष हैं जबकि अजित गोपछडे प्रदेश भाजपा के डॉक्टर सेल के प्रदेश अध्यक्ष हैं। राकांपा उम्मीदवार शशिकांत शिंदे पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष और पूर्व मंत्री हैं। विधानसभा चुनाव में सत्ताधारी भाजपा के खिलाफ आक्रामक रूप से प्रचार करने वाले अकोला के अमोल मिटकरी ने अपने संघर्ष के बल पर पहचान बनाई है। राकांपा ने उनके पार्टी में शामिल होने के एक साल के भीतर ही टिकट दे दिया। जबकि कांग्रेस ने पार्टी के प्रदेश सचिव व युवा चेहरा राजेश राठोड को मौका दिया है।

विधान परिषद के 9 सदस्यों में से 8 का कट गया टिकट
विधान परिषद के सदस्य के रूप में 24 अप्रैल को सेवानिवृत्त होने वाले 9 में से 8 सदस्यों को फिर से सदन में जाने का मौका नहीं मिल सका। सेवानिवृत्त होने वाली शिवेसना की सदस्य नीलम गोर्हे को ही केवल दोबारा सदन में आने का मौका मिलेगा। वहीं भाजपा ने अपने सदस्य स्मिता वाघ, अरुण अडसड और पृथ्वीराज देशमुख का टिकट काट दिया। स्मिता का टिकट कटने के बाद विधान परिषद में भाजपा की एक भी महिला विधायक नहीं होंगी। राकांपा ने हेमंत टकले, आनंद ठाकुर और किरण पावसकर को उम्मीदवारी नहीं दी। कांग्रेस ने हरिभाऊ राठोड को दोबारा मौका नहीं दिया। जबकि कांग्रेस के सदस्य चंद्रकांत रघुवंशी 1 अक्टूबर 2019 को विधान परिषद सदस्यता और कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे चुके थे। 
 

Created On :   11 May 2020 12:53 PM GMT

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