राज्यपाल को नहीं हटाया तो भड़क उठेगा महाराष्ट्रः शरद पवार

District Mineral Fund is not being used in Gadchiroli!
गड़चिरोली में जिला खनिज निधि का नहीं हो रहा कोई उपयाेग!
महा विकास आघाडी के मोर्चे में बोले राकांपा अध्यक्ष राज्यपाल को नहीं हटाया तो भड़क उठेगा महाराष्ट्रः शरद पवार

डिजिटल डेस्क, मुंबई। देशभर में महापुरुषों के नाम व कार्य को श्रद्धा के साथ याद किया जाता है। लेकिन इन महापुरुषों को लेकर राज्यपाल (भगत सिंह कोश्यारी) विवादित बयानबाजी करते रहते हैं। इस लिए उन्हें तुरंत हटाया जाना चाहिए। यह बात कहते हुए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार ने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि यदि राज्यपाल को नहीं हटाया गया को महाराष्ट्र भड़क उठेगा। श्री पवार ने शनिवार को महा विकास आघाडी के मोर्चे को संबोधित करते हुए यह बात कही।   राज्य व केंद्र सरकार के खिलाफ शनिवार को विपक्षी तीनों दलों ने संयुक्त रुप से मोर्चा निकाला। मोर्चे में जुटी भारी भीड़ को संबोधित करते हुए पवार ने कहा कि आज हम महापुरुषों के सम्मान के लिए एकत्र हुए हैं। सत्ता में बैठे लोग महापुरुषों को लेकर  आपत्तिजनक बयानबाजी कर रहे हैं। छत्रपति शिवाजी महाराज का नाम साढे तीन सौ वर्षों से अखंड है। उनके नाम का अपमान महाराष्ट्र कभी सहन नहीं करेगा। इसी लिए आज लाखों लोग इस मोर्चे में शामिल हुए हैं। यदि माफी नहीं मांगी गई तो युवा शांत नहीं बैठेंगे। पवार ने कहा कि मुझे विधानभवन पहुंचे 55 साल हो गए। इस दौरान कई मैंने कई राज्यपाल देखे। पर ये राज्यपाल लगातार विवादित बयानबाजी करते रहते हैं। महात्मा ज्योतिबा फुले का नाम बिहार-उत्तर प्रदेश सहित दक्षिण भारत में भी आदर के साथ लिया जाता है। ऐसे महापुरुष को लेकर भी राज्यपाल ने विवादित बयान दिया। इस लिए उन्हें जल्द से जल्द हटाया जाना चाहिए। अन्यथा महाराष्ट्र भड़क उठेगा। पिछले दिनों औरंगाबाद के एक कार्यक्रम में राज्यपाल द्वारा कोश्यारी द्वारा छत्रपति शिवाजी को ‘‘पुराने समय का आदर्श’’ कहे जाने के बाद राज्य में एक बड़ा सियासी तूफान खड़ा हो गया है।

महाराष्ट्र को लूटने आए हैं ये लफंगे: उद्धव ठाकरे
महाविकास आघाडी के मोर्चा को संबोधित करते हुए शिवसेना (उद्धव बाला साहेब ठाकरे) पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे ने राज्य की एकनाथ शिंदे सरकार में शामिल शिवसेना के बागी विधायकों का नाम लिए बगैर कहा कि ये लफंगे महाराष्ट्र को लूटने के लिए सत्ता में आए हैं। उन्होंने मुंबई के पालकमंत्री मंगलप्रभात लोढ़ा के बयान की आलोचना करते हुए कहा कि खोखेगिरी कर सरकार बनाने वालो की तुलना छत्रपति शिवाजी महाराज से कैसे हो सकती है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार मुंबई में वर्ली डेयरी की जमीन पर अंतरराष्ट्रीय स्तर का एक्वेरियम बनाना चाहती थी पर अब यह सरकार उसे बिल्डरों के हवाले करना चाहती है।ठाकरे ने आरोप लगाया कि एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार वैचारिक रूप से दिवालिया हो गई है। उन्होंने कहा कि मैं कोश्यारी को राज्यपाल नहीं मानता। राज्यपाल का पद सम्मानित होता है। मैं अपनी मांग दोहराता हूं कि राज्यपाल के चयन के लिए एक मानदंड तय किया जाए।" उन्होंने कहा कि राज्य के स्वाभिमान और गौरव से कोई समझौता नहीं किया जा सकता। महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा विवाद पर, ठाकरे ने कहा कि बेलगाम, कारवार, निपानी और अन्य गांवों को महाराष्ट्र में शामिल करने संबंधी "संयुक्त महाराष्ट्र' के अधूरे सपने को हासिल करना है। 

महाराष्ट्र को बचाने राज्यपाल को हटाओः अजित पवार 
विधानसभा में विपक्ष के नेता अजित पवार ने कहा कि महाराष्ट्र को बचाने के लिए राज्यपाल को हटाना चाहिए।अजित पवार ने कहा कि राष्ट्रीय प्रतीकों की गरिमा की रक्षा के लिए एक सख्त कानून बनाया जाए। नागपुर में शुरु हो रहे सत्र में ही इसके लिए विधेयक पेश किया जाए हम उसका समर्थन करेंगे। पूर्व उपमुख्यमंत्री ने एकजुट रहने की आवश्यकता पर जोर दिया और कहा कि यह विरोध मार्च उस दिशा में पहला कदम है क्योंकि महा आघाडी का उद्देश्य राज्य की अखंडता की रक्षा करना है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि यह ‘हल्ला बोल’ मार्च एक संकेत है कि राज्य एकजुट है।

फरवरी नहीं देख पाएगी शिंदे सरकारः संजय राऊत
शिवसेना (उद्धव ठाकरे) के सांसद संजय राउत ने शिंदे सरकार गिरने की भविष्यवाणी करते हुए कहा कि यह सरकार आने वाले साल का फरवरी महिना नहीं देख पाएगी। इस सरकार का जाना तय है।शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार को हटाने के लिए मोर्चा पहला कदम है।उन्होंने कहा कि राज्यपाल को एक मिनट के लिए भी पद पर रहने का कोई अधिकार नहीं है। 

मोर्चे में शामिल हुआ ठाकरे परिवार
शनिवार की दोपहर करीब 12 बजे से भायखला से शुरु हुआ मोर्चा छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस के सामने तक गया। मोर्चे में पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का पूरा परिवार दिखाई दिया। उद्धव ठाकरे की पत्नी रश्मि ठाकरे, छोटे बेटे तेजस और आदित्य ठाकरेमोर्चे में शामिल हुए। समाजवादी पार्टी, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी, पीजेंट्स एंड वर्कर्स पार्टी (पीडब्ल्यूपी) और अन्य दलों ने भी मार्च में भाग लिया।
 

Created On :   17 Dec 2022 7:55 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story