महिला सरपंच ने सीने में गोली मारकर की खुदकुशी, पुलिस जांच में जुटी

mahila sarpanch committed suicide in chhatarpur, police will probe
महिला सरपंच ने सीने में गोली मारकर की खुदकुशी, पुलिस जांच में जुटी
महिला सरपंच ने सीने में गोली मारकर की खुदकुशी, पुलिस जांच में जुटी

डिजिटल डेस्क, छतरपुर। राजनगर थाना क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम पंचायत अतर्रा महिला सरपंच के द्वारा गोली मार कर आत्महत्या कर ली है। रोज की तरह महिला गुरूवार की रात कमरे में जा कर सो गई थी। सुबह उठने के बाद आठ बजे महिला ने घर में रखी 135 बोर की लाइसेंसी बंदूक से खुद को सीने में गोली मार ली। जिस समय महिला के द्वारा गोली मारी गई, उस समय परिवार के लोग घर में मौजूद नहीं थे। बच्चों के चिल्लाने के बाद परिवार के लोग पहुंचे और देखा तो सरपंच महिला खून से लथपथ पड़ी थी। परिवार के सदस्यों ने पुलिस को सूचना देते हुए तत्काल राजनगर समुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र लाए जहां से जिला अस्पताल रेफर कर दिया। अस्पताल लाते समय महिला की रास्ते में मौत हो गई है।

पुलिस ने माना मामला संदिग्ध
राजनगर थाने में पदस्थ प्रशांत कुमार ने जानकारी देते हुए बताया है कि महिला सरपंच उमा द्विवेदी के द्वारा गोली मार कर आत्महत्या कर ली है। आत्मत्या करने की सूचना परिजनों के द्वारा फोन पर दी थी। जब तक मौके पर पहुंचे तब तक परिवार के लोग महिला को गंभीर हालत में लेकर अस्पताल आ गए थे। लेकिन गोली सीने में लगने से मामला संदिग्ध बना हुआ है। जबकि पति की लाइसेंसी बंदूक को महिला सरपंच के द्वारा लोड़ कैसे किया गया है और सुबह आठ बजे का वक्त होने के कारण परिवार के सदस्यों को घर से वाहर होना तथा परिवारजनों के बताए अनुसार अपने हाथों से बंदूक से गोली मार लेना एक जांच का विषय बना हुआ है।

क्या है कारण
अतर्रा सरपंच उमा द्विवेदी पति शिवराम द्विवेदी उम्र 35 वर्ष विगत दिनों से बीमारी के चलते परेशान रहा करती थी। परिवार के सदस्यों के द्वारा उसका इलाज करवाया जाता रहा है। लेकिन महिला सरपंच उमा द्विवेदी जब बीमारी से तंग आ गई तो उसके द्वारा पति की लाइसेंसी 135 बोर की बंदूक से खुद को सीने में गोली मार ली। गोली लगने से महिला की मौत हो गई है। जबकि पुलिस इस पूरे मामले को संदेह के घेरे में लेते हुए जांच करने में जुटी हुई है। क्योंकि महिला के द्वारा अपने आप को 135 बोर की बंदूक से कैसे गोली मारी है। इस पूरे मामले को लेकर पुलिस जांच में जुटी हुई है।

सरपंच थी महिला
मृतिका के देवर राममोहन द्विवेदी ने जानकारी देते हुए बताया है कि भाभी ग्राम पंचायत अतर्रा में सरपंच पद पर पदस्थ थी। विगत वर्ष से मृतिका की तबितय खराब रहा करती थी। जिसका इलाज ग्वालियर से लेकर दिल्ली तक में करवाया गया था। लेकिन सीने में दर्द रहा करता था। जबकि शुक्रवार की सुबह परिवार के लोग गांव में बैठे हुए थे। घर में और महिलाएं भी नहीं थी। केवल मृतिक के बच्चे घर पर थे। जब गोली चलने की आवाज बच्चों को सुनाई दी तो बच्चे घर के वाहर निकले और चिल्लाने लगे। जब जाकर देखा तो भाभी खून से लतपथ बेहोशी हालत में पड़ी हुई थी। इलाज के लिए राजनगर लेकर पहुंचे जहां से जिला अस्पताल के लिए रेफर किया गया जहां लाते समय रास्ते में उनकी मौत हो गई है।

Created On :   25 May 2018 4:52 PM IST

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story