मालेगांव विस्फोट मामला : कोर्ट नहीं पहुंचे आरोपी, जस्टिस ने जताई नाराजगी

Malegaon blast case: Accused did not arrive - court expressed resentment
मालेगांव विस्फोट मामला : कोर्ट नहीं पहुंचे आरोपी, जस्टिस ने जताई नाराजगी
मालेगांव विस्फोट मामला : कोर्ट नहीं पहुंचे आरोपी, जस्टिस ने जताई नाराजगी

डिजिटल डेस्क, मुंबई। मालेगांव धमाका मामले में सात में से सिर्फ दो आरोपियों के अदालत पहुंचने पर नाराजगी जताई है। इसके चलते आरोप तय करने की प्रकिया 30 अक्टूबर तक टालनी पड़ी। विशेष एनआईए न्यायाधीश विनोद पडालकर आरोपियों को कार्यवाही में जानबूझकर देरी के तरीके अपनाने के प्रति आगाह किया। शुक्रवार को अदालत में सात आरोपियों में से सिर्फ लेफ्टिनेंट कर्नल श्रीकांत पुरोहित और समीर कुलकर्णी ही पहुंचे। कार्यवाही 30 अक्टूबर तक आगे बढ़ाते हुए न्यायाधीश ने कहा कि न्यायालय के आदेश का पालन करने और अदालत में हाजिर करने का आरोपियों को दिया गया यह आखिरी मौका है।

न्यायाधीश ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि आरोपी जानबूझकर अदालत की अनदेखी कर रहे हैं। अगर वे अगली तारीख पर हाजिर नहीं हुए तो उनके खिलाफ समुचित आदेश दिए जाएंगे। वहीं मामले में आरोपी पुरोहित की याचिका को बांबे हाईकोर्ट की एक खंडपीठ ने स्वीकार कर लिया है। याचिका में पुरोहित ने अपने खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियां निवारण कानून (यूएपीए) के तहत मुकदमा चलाने के निचली अदालत के आदेश को चुनौती दी गई है। उच्च न्यायालय पुरोहित की इस याचिका पर 29 अक्टूबर यानी सोमवार को सुनवाई कर सकता है।  

क्या है मामला

मालेगांव में 29 सितंबर 2008 को हुए धमाकों में छह लोगों की मौत हुई थी जबकि 100 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे। मामले में कर्नल श्रीकांत पुरोहित, समीर कुलकर्णी, प्रज्ञा सिंह ठाकुर, मेजर (सेवानिवृत्त) रमेश उपाध्याय, अजय राहिरकर, सुधाकर द्विवेदी, सुधाकर चतुर्वेदी आरोपी हैं। आरोपियों ने अपने खिलाफ यूएपीए कानून के तहत मुकदमा चलाने को चुनौती दी थी जिसे निचली अदालत ने खारिज कर दिया था। 
 

Created On :   26 Oct 2018 4:04 PM GMT

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