मलिक-देशमुख को सुप्रीम कोर्ट से भी नहीं मिली मतदान की अनुमति

Malik-Deshmukh did not even get permission to vote from the Supreme Court
मलिक-देशमुख को सुप्रीम कोर्ट से भी नहीं मिली मतदान की अनुमति
विधान परिषद चुनाव में मलिक-देशमुख को सुप्रीम कोर्ट से भी नहीं मिली मतदान की अनुमति

डिजिटल डेस्क, मुंबई। जेल में बंद मंत्री नवाब मलिक और पूर्व मंत्री अनिल देशमुख को सुप्रीम कोर्ट से भी विधान परिषद चुनाव में मतदान की अनुमति नहीं मिल सकी। सोमवार को विधान परिषद की 10 सीटों के लिए मतदान हुआ। इसके पहले बांबे हाईकोर्ट ने राकांपा के दोनों विधायकों को मतदान की अनुमति देने से इंकार कर दिया था। देशमुख व मलिक ने हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। सोमवार को इस पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने भी महाराष्ट्र विधान परिषद चुनाव के लिए वोट डालने की अनुमति देने से इंकार कर दिया।   सुप्रीम कोर्ट के अवकाशकालीन खंडपीठ के न्यायमूर्ति सीटी रविकुमार व सुधांशु धुलिया ने इस याचिका पर सुनवाई की। हालांकि न्यायमूर्ति अवकाशकालीन पीठ जन प्रतिनिधित्व कानून 1951 की धारा 62 (5) का व्याख्या पर गौर करने को लेकर सहमत हो गयी। यह धारा जेल में बंद व्यक्तियों को मताधिकार से वंचित करती है। इससे पहले बांबे हाईकोर्ट ने 17 जून को महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक और पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख द्वारा विधान परिषद चुनाव में मतदान की अनुमति के अनुरोध वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया था। इसके बाद इन्होंने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था लेकिन यहां से इन्हें निराशा हाथ लगी। मनी लांड्रिग व भ्रष्टाचार के मामले में जेल में बंद मलिक और देशमुख को राज्यसभा चुनाव में भी मतदान की अनुमति नहीं मिली थी।  

Created On :   20 Jun 2022 6:57 PM IST

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