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नागपुर जिले में कोरोना काल में बढ़ा कुपोषण, 548 बच्चे कुपोषित

डिजिटल डेस्क, नागपुर। राज्य शासन की ओर से कुपोषण के उन्मूलन के लिए करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे हैं, लेकिन नागपुर जिले के ग्रामीण क्षेत्र के बच्चे और कुपोषित होते जा रहे हैं। जिला परिषद के महिला एवं बाल कल्याण विभाग के उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार मई माह में जिले में 458 बच्चे मध्य तीव्र कुपाेषित (एमएएम) और 90 बच्चे अति तीव्र कुपोषित (एसएएम) पाए गए हैं। ग्रामीण बालविकास केंद्र के माध्यम से बच्चों को एनर्जी डेन्स न्यूट्रेशन फूड (ईडीएनएफ) आहार देकर कुपोषण को कम करने का प्रयास किया जा रहा है।
2325 आंगनवाड़ियों से होता है वितरण
राज्य के आदिवासी और दुर्गम भाग में नवजात और और छोटे बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिए शासन ने देश भर में आंगनवाड़ी शुरू की हैं। इन आंगनवाड़ियों में कुपोषित बच्चों को एकात्मिक बाल विकास योजना के तहत विभिन्न उपक्रमों से पौष्टिक आहार दिया जाता है। जिले के 2325 आंगवाड़ियां कार्यरत हैं। इसमें 1 लाख 38 हजार 953 बच्चों का पालन पोषण उनकी पूर्व प्राथमिक शिक्षा के साथ किया जाता है।
आंगनवाड़ी बंद, आपूर्ति जारी
कोरोना के कारण जिले में पिछले साल मार्च महीने से आंगनवाड़ियां बंद हैं, लेकिन विभाग का दावा है कि बालकों के पोषण आहार की आपूर्ति की जा रही है। फिर भी 2021 के मई में किए गए सर्वे के अनुसार कुपोषण बच्चों की संख्या अधिक है। विभाग का दावा है कि आंगनवाड़ियां बंद हैं, लेकिन बच्चों का वजन सीबीई कार्यक्रम और बच्चों का पौष्टिक भोजन वितरण जारी है। इसमें चना, दाल, मसूर दाल, मिर्च, हल्दी, गेहूं आदि का समावेश है।
Created On :   26 July 2021 10:03 AM IST