पेगासस स्पाइवेयर विवाद पर बोलीं ममता, मैंने अपने फोन को प्लास्टर कर दिया है क्योंकि वे सब कुछ टैप करते हैं

Mamata Banerjee attacks Centre on Pegasus, says she plastered phone camera to prevent snooping
पेगासस स्पाइवेयर विवाद पर बोलीं ममता, मैंने अपने फोन को प्लास्टर कर दिया है क्योंकि वे सब कुछ टैप करते हैं
पेगासस स्पाइवेयर विवाद पर बोलीं ममता, मैंने अपने फोन को प्लास्टर कर दिया है क्योंकि वे सब कुछ टैप करते हैं

डिजिटल डेस्क, कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने पेगासस स्पाइवेयर विवाद को लेकर बुधवार को केंद्र पर तीखा हमला बोला। ममता बनर्जी ने कहा, उन्होंने जासूसी रोकने के लिए अपने मोबाइल फोन के कैमरे को कवर कर लिया। ममता बनर्जी ने सुप्रीम कोर्ट से इस्राइली स्पाईवेयर पेगासस द्वारा कथित जासूसी का स्वत: संज्ञान लेने की भी अपील की।

ममता बनर्जी ने टेप से प्लास्टर किया हुआ अपना मोबाइल कैमरा दिखाते हुए कहा, "मैंने अपने फोन को प्लास्टर कर दिया है क्योंकि वे सब कुछ टैप करते हैं, चाहे वह वीडियो हो या ऑडियो।" बंगाल की सीएम ने यह भी दावा किया कि वह दिल्ली और ओडिशा में अपने काउंटरपार्ट के साथ बात करने में असमर्थ हैं। ममता बनर्जी ने कहा, "पेगासस खतरनाक है। मैं किसी से बात नहीं कर सकती। ये लोग जासूसी के लिए बहुत ज्यादा पैसा खर्च कर रहे हैं। मैंने अपने फोन पर प्लास्टर चढ़ा दिया है। हमें केंद्र पर भी प्लास्टर चढ़ा देना चाहिए, वरना पूरा देश बर्बाद हो जाएगा।"

ममता बनर्जी ने केंद्र पर निशाना साधते हुए सरकार पर देश को सर्विलांस स्टेट में बदलने की कोशिशों का आरोप लगाया। ममता ने कहा, "आजादी खतरे में है। इसकी जिम्मेदार भाजपा है। उन्हें अपने मंत्रियों पर भी विश्वास नहीं है। वे सभी एजेंसियों का दुरुपयोग करते हैं।" ममता बनर्जी ने कहा "स्पाइगिरी चल रही है। मंत्रियों, जजों के फोन टैप किए जा रहे हैं। उन्होंने लोकतांत्रिक ढांचे को खत्म कर दिया है। पेगासस ने चुनाव आयोग, न्यायपालिका, मंत्रियों और मीडिया पर कब्जा कर लिया है। एक लोकतांत्रिक राज्य के बजाय, वे इसे एक निगरानी राज्य में बदलना चाहते हैं।"

बता दें कि इजराइल की सर्विलांस कंपनी एनएसओ ग्रुप के सॉफ्टवेयर पेगासस का इस्तेमाल कर कई पत्रकारों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, नेताओं, मंत्रियों और सरकारी अधिकारियों के फ़ोन की जासूसी करने का दावा किया जा रहा है। इसमें भारत के भी कई बड़ी हस्तियों के नंबर है।

50 हज़ार नंबरों के एक बड़े डेटा बेस के लीक की पड़ताल द गार्डियन, वॉशिंगटन पोस्ट, द वायर, फ़्रंटलाइन, रेडियो फ़्रांस जैसे 16 मीडिया संस्थानों के पत्रकारों ने की। एनएसओ समूह की ओर से ये साफ़ कहा जा चुका है कि कंपनी अपने सॉफ्टवेयर अलग-अलग देश की सरकारों को ही बेचती है और इस सॉफ्टवेयर को अपराधियों और आतंकवादियों को ट्रैक करने के उद्देश्य से बनाया गया है।

Created On :   21 July 2021 11:35 AM GMT

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