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बीजेपी विधायक पर लगा घूसखोरी का आरोप, ठेके के नाम पर लिए 43 लाख
डिजिटल डेस्क, मेरठ। उत्तरप्रदेश के मेरठ में बीजेपी विधायक संगीत सोम पर रिश्वत लेने का आरोप लगा है। संगीत सोम पश्चिम उत्तरप्रदेश की सरधना सीट से विधायक हैं। जिन पर सरकारी निर्माण का ठेका दिलाने के एवज में 43 लाख रुपए मांगने का आरोप लगाया गया है। संजय प्रधान नाम के ठेकेदार का आरोप है कि रिश्वत की रकम देने के बावजूद न तो उसे ठेका मिला और न ही रकम वापस मिली। मामला सामने आने के बाद पुलिस ने पीड़ित ठेकेदार की शिकायत पर जांच शुरू कर दी है।
A man in Meerut has alleged that BJP MLA Sangeet Som has duped him of Rs. 43 lakh. He alleges that, 'BJP MLA Sangeet Som took money from me saying that I would be given contract of constructing a degree college but I never got the contract'.Police said,'Investigation is underway' pic.twitter.com/y8ixAljihu
— ANI UP (@ANINewsUP) June 9, 2018
तीन किश्तों में दी गई रिश्वत की रकम
पेशे से ठेकेदार संजय ने दावा किया है कि रिश्वत की रकम देने के बावजूद न तो उन्हें ठेका मिला और न ही रकम वापस मिली। मीडिया से बातचीत करते हुए संजय प्रधान ने बताया कि वह पीडब्ल्यूडी और अन्य विभाग में ठेकेदारी का काम भी करते हैं। मेरठ के दादरी में सरकारी कॉलेज बनाने का ठेका दिलाने के एवज में विधायक संगीत सोम ने 43 लाख रुपये की मांग की। यह रकम तीन किश्तों में दी गई। उन्होंने बताया कि पैसे लेने के बाद से ही विधायक फोन भी नहीं उठा रहे हैं।
पुलिस कर रही हर पहलू पर जांच
वहीं पुलिस अधिकारी ने बताया कि संजय प्रधान ने थाने में आकर शिकायती आवेदन दिया है। जिस पर उन्होंने जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने बताया कि जांच हर पहलू पर की जाएगी और यदि आरोप सही पाए गए तो प्राथमिकी दर्ज करवा कर मामले में उचित कार्रवाई की जाएगी।
संगीत सोम का है विवादों से पुराना नाता
वहीं सोम पर लगाए गए इन आरोपों पर उनकी तरफ से कोई सफाई या जवाब सामने नहीं आया है। आपको बता दें कि विधायक संगीत सोम का विवादों से पुराना नाता है। संगीत सोम इससे पहले भी रुपयों के लेनदेन के विवाद में कई बार फंस चुके हैं। इससे पहले उनके ईट-भट्टा कारोबार के पार्टनर ने 18 लाख रुपये हड़पने का आरोप लगाया था।
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ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।