बीजेपी नेता की मौत पर पत्रकार ने लिखा- गोमूत्र और गोबर कोरोना का इलाज नहीं, लगाया गया NSA

Manipur scribe, activist booked under NSA for Facebook post on BJP leader’s death
बीजेपी नेता की मौत पर पत्रकार ने लिखा- गोमूत्र और गोबर कोरोना का इलाज नहीं, लगाया गया NSA
बीजेपी नेता की मौत पर पत्रकार ने लिखा- गोमूत्र और गोबर कोरोना का इलाज नहीं, लगाया गया NSA

डिजिटल डेस्क, इंफाल। कोरोना संक्रमण से मणिपुर प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष टिकेंद्र सिंह के निधन के बाद एक फेसबुक पोस्ट लिखने पर पत्रकार किशोर चंद्र वांगखेम के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) लगाया गया है। इम्फाल की एक अदालत ने उन्हें पहले दिन में जमानत दे दी थी, लेकिन इससे पहले कि वे रिहा हो पाते, इनपर एनएसए लागू कर दिया गया। दोनों को 13 मई को गिरफ्तार किया गया था। इन दोनों ने अपनी सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा था कि गोमूत्र और गोबर कोरोना का इलाज नहीं है।

वांगखेम ने अपनी फेसबुक पोस्ट में लिखा था, "गोबर और गोमूत्र काम नहीं आया। यह दलील निराधार है। कल मैं मछली खाऊंगा।" इसी तरह एक एक्टिविस्ट एरेंड्रो लिचोम्बम ने लिखा था, "गोबर और गोमूत्र से कोरोना का इलाज नहीं होता है। विज्ञान से ही इलाज संभव है और यह सामान्य ज्ञान की बात है। प्रोफेसर जी आरआईपी।" इस पोस्ट के बाद प्रदेश बीजेपी उपाध्यक्ष उषाम देबन और महासचिव पी प्रेमानंद मीतेई ने इन दोनों के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। जिसके बाद पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया।

गिरफ्तारी के बाद दोनों को कोर्ट में पेश किया गया जहां सोमवार को जिले के चीफ ज्यूडीशियल मजिस्ट्रेट ने दोनों को 50,000 के मुचलके पर जमानत दे दी। जमानत देते हुए कोर्ट ने ये भी शर्त रखी कि वे भविष्य में इसी तरह का अपरराध नहीं दोहराएंगे और आवश्यकता पड़ने पर जांच अधिकारी की पूछताछ के लिए उपलब्ध रहें। हालांकि जमानत मिलने के बाद इनपर एनएसए लगा दिया गया। इंफाल पश्चिम के पुलिस अधीक्षक एल मेघचंद्र सिंह ने कहा कि पत्रकार और एक्टिविस्ट लिचोम्बम पर बाद में एनएसए के तहत मामला दर्ज किया गया है।

इससे पहले भी किशोर चंद्र और लिचोम्बम को फेसबुक के कथित आपत्तिजनक पोस्ट के लिए गिरफ्तार किया जा चुका है। किशोर चंद्र को मुख्यमंत्री के खिलाफ टिप्पणी के लिए राजद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। उन्होंने मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह की आलोचना करते हुए उनको केंद्र की कठपुतली करार दिया था। वांगखेम ने मुख्यमंत्री से पूछा था कि क्या झांसी की रानी ने मणिपुर के उत्थान में कोई भूमिका निभाई थी? उस समय तो मणिपुर भारत का हिस्सा भी नहीं था।
 

Created On :   18 May 2021 12:34 PM GMT

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