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मनपा में पेश हुआ 2424 करोड़ का बजट, न ही नया टैक्स और न बढ़ोत्तरी

डिजिटल डेस्क, नागपुर। मनपा आयुक्त अभिजीत बांगर ने वर्ष 2019-20 का 2434 करोड़ रुपए का वास्तविक (प्रस्तावित) बजट पेश किया। 2018-19 का सुधारित बजट देते हुए स्थायी समिति के बजट में लगभग 700 करोड़ रुपए की कटौती कर 2277 करोड़ रुपए का बजट पेश किया। स्थायी समिति के सभापति वीरेंद्र कुकरेजा ने वर्ष 2018-19 में 2950 करोड़ रुपए का बजट दिया था, लेकिन कर वसूली नहीं होने के कारण आयुक्त ने इसमें 668 करोड़ की कटौती कर इसे 2277 करोड़ रुपए तक ला दिया। फिलहाल बजट में नागरिकों के लिए राहत है। न नया कोई कर लगाया और न किसी कर में वृद्धि की गई। बजट में बाजार सहित अन्य स्रोतों से आय बढ़ाने पर जोर दिया गया है।
इस तरह संभली मनपा की आर्थिक स्थिति
वित्त वर्ष 2018-19 में मनपा को सरकार की ओर से न सिर्फ वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) बढ़कर मिला, बल्कि स्टैंप ड्यूटी के साथ-साथ विशेष अनुदान की सौगात मिली, जिसने मनपा को आर्थिक संकट से उबारने का बड़ा काम किया। स्थायी समिति द्वारा बजट अनुसार निर्धारित लक्ष्य जैसे संपत्ति कर, पानी कर, एनएटीपी, बाजार कर सहित विविध कर वसूलने में असफल रही। स्थायी समिति सभापति वीरेन्द्र कुकरेजा के 2018-19 के 2945 करोड़ रुपए के बजट को सुधारित करते हुए मनपा आयुक्त अभिजीत बांगर ने 668 करोड़ रुपए की कटाैती लगाकर 2018-19 का 2277.6 करोड़ रुपए का बजट प्रस्तुत पेश किया। वहीं, 2019-20 का 2434.36 करोड़ रुपए का प्रस्तावित बजट प्रस्तुत किया।
नए टैक्स को जगह नहीं
मनपा ने अपने प्रस्तावित बजट में किसी भी प्रकार के नए टैक्स को जगह नहीं दी है। मनपा की आय बढ़ाने के लिए मौजूदा बाजार और नए बाजारों पर जोर दिया है। बजट में कर्मचारियों के छठवें वेतन आयोग का बकाया और सातवें वेतन आयोग के लिए फिलहाल बजट में कोई प्रावधान नहीं किया गया है। इधर, 5 मार्च के पहले नए स्थायी समिति सभापति के पदभार संभालने की संभावना है। इसके बाद लोकसभा चुनाव के कारण आचार संहिता लग जाएगी। इससे कयास लगाए जा रहे हैं कि स्थायी समिति का बजट मई या फिर जून में सभागृह में रखा जाएगा।
डीपीडीसी को नहीं जोड़ा गया
जिला नियोजन समिति के करीब 400 करोड़ रुपए को आयुक्त ने बजट में जोड़ा ही नहीं है, उसे यदि बजट में शामिल किया जाएगा तो मेरे द्वारा तय किया गया लक्ष्य पूरा हो जाएगा। मेरे कार्यकाल में 696 करोड़ रुपए अभी तक मिल चुके हैं और मार्च का आना बाकी है। वहीं 57 करोड़ रुपए की स्टैंप ड्यूटी भी है। 15 दिन में विशेष अनुदान के भी 175 करोड़ रुपए मिलने वाले हैं। संपत्ति कर से मनपा को अब तक 175 करोड़, पानी से 124 करोड़, नगररचना विभाग से 72 करोड़, बाजार विभाग से 6 करोड़ रुपए की आय हुई है।
-वीरेन्द्र कुकरेजा, सभापति, स्थायी समिति मनपा
बाजार में दिख रहे पैसे
बाजारों की क्षमता का अधिक उपयोग करना, जिसमें कॉटन मार्केट, नेताजी मार्केट और संतरा मार्केट शामिल है।
बुधवारी बाजार, महल बाजार और सक्करदरा बाजार में बुकिंग से आय होगी।
ऑरेंज सिटी और मेट्रो मॉल से आय
पार्किंग पॉलिसी तैयार करना जिससे यातायात के साथ मनपा को आय होगी।
विज्ञापन, बसों का विज्ञापन के लिए उपयोग कर आय बढ़ाना।
इन पर रहेगा जोर
स्वास्थ्य एवं शिक्षा पर जोर देकर उनके लिए विशेष योजनाएं, नि:शुल्क डायलिसिस
ई-गवर्नेंस में डीजी लॉकर की सुविधा मिलेगी।
इलेक्ट्रिक बसें आएंगी।
शहर से निकलने वाले कचरे और गंदे पानी पर होगी प्रक्रिया।
सौर ऊर्जा का उपयोग मनपा कार्यालय में उपयोग होने वाली विद्युत हेतु
मनपा का वर्ष 2019- 20 में व्यय
कर्मचारियों का वेतन पर प्रशासकीय खर्च- 443.34
सेवानिवृत कर्मचारियों का वेतन- 150 करोड़
प्रशासकीय खर्च- 65.60 करोड़
मनपा की योजना के लिए अशंदान- 171.50 करोड़
विभिन्न प्रकल्पों में मनपा का हिस्सा- 398.22 करोड़
अन्य खर्च- 211.13 करोड़
Created On :   1 March 2019 11:45 AM IST