8 फर्जी सर्टिफिकेट की आंच में घिरेंगे कई चेहरे

Many faces will be surrounded by 8 fake certificates
8 फर्जी सर्टिफिकेट की आंच में घिरेंगे कई चेहरे
8 फर्जी सर्टिफिकेट की आंच में घिरेंगे कई चेहरे

डिजिटल डेस्क, नागपुर।  फर्जी जाति और आय प्रमाण-पत्रों के आधार पर आरटीई प्रवेश के मामले सामने आने पर शिक्षा उपसंचालक ने अब गट शिक्षणाधिकारियों को संबंधित शिक्षा संस्थानों से प्रमाण-पत्रों की सक्षम प्राधिकरण से जांच कराने के आदेश जारी किए हैं। इससे पूर्व प्राथमिक शिक्षणाधिकारी को आदेश जारी करने के बाद भी कार्रवाई नहीं किए जाने से पुन: आदेश जारी किया गया है।

8 प्रमाण-पत्र फर्जी निकले
निजी स्कूलों में 25 प्रतिशत सीटों पर आरटीई प्रक्रिया के माध्यम से नि:शुल्क प्रवेश दिए जाते हैं। आरक्षित वर्ग के लिए जाति प्रमाण-पत्र और खुले वर्ग के लिए एक लाख से कम वार्षिक आय प्रमाण-पत्र आवश्यक है। हाईकोर्ट के आदेश पर गठित समिति द्वारा दस्तावेजों की पड़ताल करने के बाद प्रवेश निश्चित किए जाते हैं। इस वर्ष कोरोना संक्रमण के चलते स्कूलों में दस्तावेज जमा करने पर अस्थायी प्रवेश के अधिकार दिए गए। स्कूलों से समिति के पास भेजे गए दस्तावेजों में 8 प्रमाण-पत्र फर्जी निकले।

 सक्षम प्राधिकरण से पड़ताल करने पर संबंधित कार्यालय से प्रमाण-पत्र जारी नहीं किए जाने की पुष्टि की गई। इस संबंध में आरटीई एक्शन कमेटी ने शिक्षा उपसंचालक से शिकायत कर आरटीई अंतर्गत प्रवेश दिए गए सभी विद्यार्थियों के जाति तथा आय प्रमाण-पत्रों की सक्षम प्राधिकरण से पड़ताल करने की मांग की थी। उपसंचालक कार्यालय से शिकायत का संज्ञान लेकर जिला शिक्षणाधिकारी को आदेश जारी किए। कोरोना संक्रमण के चलते कार्यालयों में सीमित कर्मचारियों की उपस्थिति का बहाना बनाकर उपसंचालक कार्यालय के आदेश को नजरअंदाज किया है। 

उपसंचालक ने गट शिक्षणाधिकारियों को भेजे पत्र
उपसंचालक कार्यालय ने अब सीधे गट शिक्षणाधिकारियों को पत्र भेजकर स्कूलों से आदेश पर अमल कराने व फर्जी प्रमाण-पत्र के आधार पर दिए गए प्रवेश रद्द कर रिपोर्ट तलब करने के आदेश दिए हैं। पंचायत समिति स्तर पर गट शिक्षणाधिकारियों को आदेश जारी किए जाने से फर्जी प्रमाण-पत्र पर प्रवेश लेने वालों की धड़कनें तेज हो गई हैं।

Created On :   16 Nov 2020 8:59 AM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story