लॉकडाउन के बाद शुरू नहीं हो सके नागपुर में कई उद्योग

Many industries in Nagpur could not start after lockdown
लॉकडाउन के बाद शुरू नहीं हो सके नागपुर में कई उद्योग
लॉकडाउन के बाद शुरू नहीं हो सके नागपुर में कई उद्योग

डिजिटल डेस्क, नागपुर।  कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन के दौरान 2 माह तक आपातकालिन सेवाओं से जुड़े उद्योगों को छोड़कर शहर के सभी उद्योग बंद थे। सरकार ने धीरे-धीरे उद्योगों के परिचालन में ढील प्रदान की, जिसके बाद उद्योगों में काम सुचारु होने लगा, लेकिन अब भी कई उद्योग ऐसे हैं जो लॉकडाउन के बाद से अब तक शुरू नहीं हो पाए हैं। नागपुर से लगे हिंगना एमआईडीसी क्षेत्र में लॉकडाउन के बाद करीब 200 से 250 उद्योग ऐसे हैं जहां अब भी काम शुरू नहीं हुआ है। बताया जा रहा है कि इनमें से कुछ इंडस्ट्री को अब भविष्य में शुरू करने में काफी परेशानी होगी। हिंगना एमआईडीसी क्षेत्र में लगभग 1250 उद्योग मार्च 2020 तक शुरू थे, इसके बाद देशभर में लॉकडाउन लग गया।

मजदूर भी लौट गए : 2 माह से अधिक समय तक उद्योग बंद रहे। रोजगार छिन जाने के कारण यहां से मजदूरों का पलायन शुरू हो गया। इसके बाद मई माह के बाद सरकार ने लॉकडाउन में ढील देते हुए उद्योगों को कुछ शर्तों के साथ शुरू करने की इजाजत दी। कुशल कामगारों, कच्चे माल की कमी और आर्डर न मिलने के कारण उद्योगों में कामकाज सुचारू होने में समय लग गया। सितंबर माह तक उद्योगों में हालात कुछ सामान्य हुए। आज भी हिंगना एमआईडीसी में केवल 80 प्रतिशत उद्योग ही काम शुरू कर पाए हैं। 

कर्ज, आर्डर और फंड न होना बड़ा कारण
उद्योगों के परिचालन के लिए कई छोटे उद्योजक बैंकों से कर्ज लेते हैं। लॉकडाउन के दौरान उद्योजकों की आय पूरी तरह से बंद रही, जबकि बैंकों का कर्ज, इलेक्ट्रिसिटी बिल, कामगारों का वेतन  शुरू था। ऐसे में पहले से कर्ज लेकर बैठे उद्योजकों पर कर्ज का बोझ और बढ़ता गया। उद्योगों के सामने संचालन की समस्या आ गई। लॉकडाउन से पहले सप्लाई किए माल का पेमेंट भी नहीं मिल पाया  है। 

कर्ज के बोझ में दबे उद्याेग  
लॉकडाउन के बाद बहुत से उद्योग कर्ज के बोझ तले दबे हुए हैं। हमने सरकार अप्रैल अौर मई माह के ब्याज में छूट की मांग सरकार से की है। सरकार की ओर से अब तक इस बारे में कोई भी सकारात्मक पहल नहीं हुई है। चद्रशेखर शेगांवकर, अध्यक्ष, हिंगना एमआईडीसी एसोसिएशन
 

Created On :   4 Dec 2020 7:21 AM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story