मनपा में नक्शे, आरएल के लिए लगानी पड़ती है भागदौड़

Map in Manpa, RL has to be installed for RL
मनपा में नक्शे, आरएल के लिए लगानी पड़ती है भागदौड़
मनपा में नक्शे, आरएल के लिए लगानी पड़ती है भागदौड़

डिजिटल डेस्क, नागपुर।  सामान्य नागरिकों के लिए मनपा से कोई काम कराना आसान नहीं है। चप्पल घिस जाएं, लेकिन अधिकारियों के माथे पर शिकन न आए। इसका ज्वलंत उदाहरण फिर सामने आया है। मनपा के अभिलेख विभाग में पिछले तीन महीने से ले-आउट, बिल्डिंग के नक्शे और आरएल सहित अन्य रिकार्ड प्राप्त करने के लिए सैकड़ों लोग चक्कर मार रहे हैं। लेकिन उन्हें कोई कागज नहीं मिल रहा है। अभिलेख विभाग, नगररचना विभाग की ओर उंगली दिखाता है तो नगररचना विभाग ऐसे बर्ताव कर रहा जैसे उसे कोई लेना-देना नहीं है। इस चक्कर में अभिलेख विभाग में लंबित फाइलों की लंबी फेहरिस्त तैयार हो गई है। दिसंबर से अब तक ले-आउट व बिल्डिंग मैप सहित आरएल के लिए 360 लोगों ने आवेदन किया है। इसमें से सिर्फ 140 प्रकरणों का निपटारा किया गया है। 220 प्रकरणों पर कोई कार्यवाही नहीं हुई है। पहले कोरोना में लगे लॉकडाउन की वजह से काम नहीं हुए, लेकिन अधिकारियों का रोना है। ऐसे में आम नागरिकों की दिक्कतों के साथ उनका रोष भी बढ़ते जा रहा है। 

बड़ी संख्या में आने लगे आवेदन
संपत्ति से जुड़े किसी भी रिकार्ड के लिए शहरवासियों को मनपा अभिलेख विभाग में आवेदन करना पड़ता है। जरूरत के मुताबिक, अभिलेख विभाग इन आवेदनों को नगररचना विभाग को भेजता है। लॉकडाउन की वजह से लोगों ने विभाग में आवेदन नहीं किए। दिवाली के बाद संक्रमण की गति धीमी होने पर लोग अपने नियमित कामकाज में जुट गए। ऐसे में अभिलेख विभाग में भी बड़ी संख्या में आवेदन आने लगे। दिसंबर से अब तक विभाग में 360 लोगों ने अपने दस्तावेजों के लिए आवेदन किया। नियमानुसार यानी राइट टू सर्विस एक्ट के मुताबिक विभाग को 7 दिन में रिकार्ड उपलब्ध कराना चाहिए। लेकिन यहां तीन-तीन महीने से लोग चक्कर काट रहे हैं। उन्हें कागजात नहीं मिल रहे हैं। दिसंबर से अब तक सिर्फ 140 प्रकरणों का निपटारा हुआ। प्रकरण लंबित होने से लोगों का रोष बढ़ते जा रहा है।

जो संभालता था रिकाॅर्ड उसे भेज दिया एयरपोर्ट 
विशेष यह कि अभिलेख विभाग में कनिष्ठ लिपिक दत्तात्रय वाघ पूरा कामकाज देखता है। उसे सभी रिकार्ड पता था। लेकिन कोविड के कारण उसकी ड्यूटी एयरपोर्ट पर लगा दी गई। अब वहां एक महिला को रखा गया। वह महिला अनफिट है। उसे न उठते बनता है न चलते। ऐसे में नागरिक को उचित प्रतिसाद भी नहीं मिल पाता है। वे सुबह से शाम तक कार्यालय में खड़े रहते हैं, लेकिन काम नहीं होते हैं। 

तुरंत नियुक्ति हो
अभिलेख विभाग में लोग पांच-पांच महीने से चक्कर मार रहे हैं। लोगों के काम नहीं हो रहे हैं। नगररचना विभाग चार-चार महीने तक फाइलों को देख नहीं रहा है। नियमानुसार 7 दिन में काम होना चाहिए। लेकिन महीनों तक काम नहीं होने से नागरिकों में रोष बढ़ते जा रहा है। इस प्रकरण से महापौर दयाशंकर तिवारी को अवगत कराते हुए एक निवेदन सौंपा गया है। उन्हें विभाग में तुरंत किसी कर्मचारी की नियुक्ति करने की मांग करते हुए लोगों की शिकायत दूर करने और लंबित प्रकरणों का निपटारा करने की मांग की गई। - आभा पांडे, वरिष्ठ नगरसेविका

Created On :   2 March 2021 2:13 PM IST

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