दैनिक भास्कर हिंदी: मराठा और मुस्लिम आरक्षण देना सरकार की जिम्मेदारी : चव्हाण

November 20th, 2018

डिजिटल डेस्क, मुंबई। भाजपा-शिवसेना सरकार की वजह से मराठा आरक्षण में पहले ही चार वर्ष की देरी हो चुकी है, ऐसे में जल्द से जल्द कार्रवाई पूरी कर ओबोसी व अन्य किसी भी समाज के आरक्षण को प्रभावित किए गए बगैर अदालत की कसौटी पर टिकने वाला 16 फीसदी आरक्षण देने की जिम्मेदारी सरकार की है। यह बात प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अशोक चव्हाण ने कही। वे मंगलवार को प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में बोल रहे थे।

चव्हाण ने कहा कि आघाडी सरकार ने मराठा को 16 फीसदी व मुस्लिमों को 5 फीसदी आरक्षण दिया था। लेकिन भाजपा सरकार ने अदालत में प्रभावी रूप से सरकार का पक्ष नहीं रखा, जिस वजह से अदालत ने आरक्षण रद्द कर दिया। उन्होंने कहा कि सरकार यदि आरक्षण पर जल्द फैसला करती तो मराठा आरक्षण आंदोलन के दौरान प्राण गंवाने वाले 42 लोगों की जान बच सकती थी।

समृद्धि महामार्ग का विरोध करने वाली शिवसेना क्यों पलटी

मुंबई-नागपुर समृद्धि महामार्ग को शिवसेना प्रमुख बाला साहेब ठाकरे का नाम देने की शिवसेना की मांग पर चव्हाण ने कहा कि इस परियोजना को पूरी न होने देने की बात  कहने वाली शिवसेना अब इसके नामकरण के लिए परेशान क्यों हैं। उन्होंने कहा कि मुझे बाला साहेब ठाकरे का नाम देने पर कोई एतराज नहीं है। लेकिन इससे शिवसेना का दोहरा चरित्र फिर सामने आया है। पहले शिवसेना कहती थी कि समृद्धि महामार्ग के लिए किसानों की एक इंच भूमि का अधिग्रहण नहीं होने देंगे। उन्होंने सवाल किया कि शिवसेना को इस बात का खुलासा करना चाहिए कि इस महामार्ग से उसे कितनी समृद्धि हासिल हुई है? शिवसेना पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे के अयोध्या दौरे के संबंध में पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि उन्हें राम मंदिर से कोई लेना-देना नहीं है। उन्हें केवल ‘समृद्धि' चाहिए। 

रविंद्र आंग्रे भाजपा छोड़ कांग्रेस में शामिल

पुलिस सेवा से रिटायर एनकाउंटर स्पेशलिस्ट रहे रविंद्र आंग्रे भाजपा छोड़ कर कांग्रेस में शामिल हो गए हैं। उन्होंने कहा कि राफेल घोटाले की वजह से दुखी होकर उन्होंने भाजपा से इस्तीफा दिया है। इस दौरान राज्य अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष मुनाफ हकीम के दर्जनों समर्थक भी कांग्रेस में शामिल हो गए। हकीम पहले ही NCP छोड़ कर कांग्रेस में शामिल हो गए थे।

पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट पर बटा विपक्ष

मराठा आरक्षण के लिए गठित पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट को लेकर कांग्रेस-NCP का मतभेद मंगलवार को विधानसभा में जग जाहिर हो गया। बाद में दोनों दलों के नेताओं की बैठक में सहमति बनी और NCP के वरिष्ठ नेता अजित पवार को यू टर्न लेना पड़ा। दरअसल हुआ यह कि विधानसभा में विपक्ष के नेता राधाकृष्ण पाटील ने कहा कि सरकार पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट को सदन के पटल पर रखा जाए। पर उनके सहयोगी दल NCP के नेता अजीत पवार ने अलग रुख अपनाते हुए कहा कि यदि रिपोर्ट सार्वजनिक करने से इसके खिलाफ किसी के अदालत जाने का भय है तो इसे सार्वजनिक नहीं किया जाना चाहिए।

दूसरी तरफ विधान परिषद में विपक्ष के नेता धनंजय मुंडे ने विखेपाटील जैसी भूमिका लेते हुए कहा कि पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट को सदन के पटल पर रखा जाए। अजीत पवार की अलग भूमिका से कांग्रेस नेता भौचक्के रह गए। इसका फायद उठाते हुए राजस्व मंत्री चंद्रकांत पाटील ने कहा कि अजीत पवार की भूमिका सही है। उन्होंने कहा कि सरकार पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट अभी सदन में पेश नहीं करेगी। मराठा आरक्षण से संबंधित कानून बनने के बाद रिपोर्ट को सदन में पेश किया जाएगा। 

पलट गए पवार

बाद में कांग्रेस-NCP नेताओं ने बैठक कर इस बाबत चर्चा की और अजीत पवार को समझाया कि आप की भूमिका से विपक्ष को नुकसान उठाना पड़ सकता है। इसके बाद पवार पत्रकारों के सामने आकर बोले की विखेपाटील की भूमिका ही विपक्ष की भूमिका है।

रिपोर्ट सदन में रखने के लिए कानूनी राय लेगी सरकार

राज्य सरकार ने मंगलवार को कहा कि राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग की मराठा आरक्षण मुद्दे संबंधी रिपोर्ट को विधानसभा के पटल पर रखने के बारे में फैसला इस पर कानूनी राय लेने के बाद लिया जाएगा। राजस्व मंत्री चंद्रकांत पाटील ने यह बात कही।