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2027 तक मुंबई से खत्म हो जाएगी मराठी स्कूल

डिजिटल डेस्क, मुंबई। मुंबई में लगातार घट मराठी स्कूलों की संख्या को लेकर भारतीय जनता पार्टी के विधायक अमीत साटम ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखा है। पत्र में विधायक साटम ने आगाह किया है कि जिस तेजी से मुंबई में मराठी स्कूले कम हो रही है। उसके हिसाब से साल 2027-2028 तक मुंबई में मराठी की पढ़ाई के लिए एक भी मराठी स्कूल नहीं बचेंगे।
विधायक साटम के पत्र के मुताबिक साल 2010-2011 में मुंबई में413 मराठी स्कूल थी। जहां एक लाख 22 हजार 14 विद्यार्थी थे। लेकिन साल 2021-2021 में मराठी स्कूलों की संख्या घटकर 280 हो गई है और विद्यार्थियों की संख्या 36114 हो गई है। पत्र में श्री साटम ने कहा है कि 6-6 महीने मराठी स्कूलों को मुख्याध्यापक नहीं मिलते है। इतना ही नहीं साल 2013 के बाद से मराठी स्कूलों में जरुरत के हिसाब से शिक्षकों की नियुक्ति भी नहीं हुई है। साटम के मुताबिक यदि ऐसे ही मराठी भाषा की अधोगति जारी रही तो साल 2027-2028 तक मराठी लोगों के लिए एक भी मराठी स्कूल नहीं बचेगी। साटम ने कहा है कि यह स्थिति मुंबई की है जहां लोगों ने लगातार 30 सालों से मुंबई महानगरपालिका की सत्ता शिवसेना को सौपी है। ऐसे में मुझे मराठी के प्रतिष्ठित कवि कुसुमाग्रज की एक कथन याद आता है जिसके तहत उन्होंने कहा था कि मराठी भाषा मंत्रालय के सामने भीख मांग रही है। साटम के मुताबिक मुंबई में न सिर्फ मराठी भाषा उपेक्षा का दंश झेल रही है बल्कि मुंबई से मराठीभषियों को भी लगातार यहां से बाहर फेका जा रहा है।
हिंदी-उर्दू स्कूलों में दोगुने छात्र
एक तरफ जहां मुंबई में मराठी स्कूलों की संख्या तेजी से घट रही हैं दूसरी तरफ हिंदि उर्दु सहित अन्य भारतीय भाषाओं के स्कूलों में छात्रों की संख्या बढ़ रही है। फिलहाल महानगर के 283 मनपा मराठी स्कूलों में 35,181 छात्र हैं जबकि 227 हिंदी माध्यम वाले स्कूलों में छात्रों की संख्या 63,202 है। जबकि उर्दु के 193 स्कूलों में 62 हजार 516 बच्चे पढ़ रहे हैं।
माध्यम स्कूल छात्र
मराठी 283 35,181
हिंदी 227 63,202
उर्दु 193 62,516
Created On :   2 Oct 2021 7:23 PM IST