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मेडिकल विद्यार्थियों के लिए परीक्षा आयोजित नहीं करने पर मार्ड ने दी काम बंद आंदोलन की चेतावनी

डिजिटल डेस्क, नागपुर। शहर में लगातार कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ती जा रही है। इसकी चपेट में कई मेडिकल स्टाफ आया है। लेकिन इससे उन रेसिडेंट डॉक्टर्स को अब परेशानी हो रही है जो कि संक्रमित होने के कारण अपनी परीक्षा में उपस्थित नहीं हो पाए। फिर से विद्यार्थियों के लिए बाद में परीक्षा आयोजित करने के लिए कहा गया था। लेकिन अब परीक्षा को आयोजित करने में कई परेशानियां हो रही हैं। ऐसे में मार्ड ने काम बंद आंदोलन करने की चेतावनी दी है।
यह था मामला
मार्ड ने बताया कि ऑर्थोपेडिक्स विभाग के डॉ. रोहित गर्ग 7 सितंबर को संक्रमित हुए थे। उस समय परीक्षा जारी थी। 7 सितंबर को उनकी प्रैक्टिकल परीक्षा थी। संक्रमित होने के कारण वह परीक्षा में उपस्थित नहीं हो पाए। उसी दिन कुलपति, निदेशक और परीक्षा नियंत्रक, डायरेक्टर अॉफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (डीएमईआर) को इसकी जानकारी दी गई थी, जिसमें उन्होंने फोन पर बताया था कि जैसे की परीक्षार्थी ठीक होता है उसकी परीक्षा आयोजित की जाएगी। परीक्षार्थी 11 सितंबर को निगेटिव आया। उसी दिन महाराष्ट्र यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंस (एमयूएचएस) को मेल पर इसकी जानकारी दी गई। कॉलेज के डीन ने इस विषय पर एमयूएचएस, डीएमईआर को भी पत्र लिखकर 15 सितंबर को परीक्षा अायोजित करने के लिए अनुमति मांगी थी। रिमाइंडर मेल भी किया गया। इसके बाद 17 सितंबर को मंत्री राजेश टोपे को भी इसकी जानकारी दी गई थी। परीक्षार्थी एमयूएसएस नाशिक गए और वहां परीक्षा नियंत्रक से बात की। जिस पर उन्होंने एक कोर्ट केस फाइल करने को कहा। 29 सितंबर को केस फाइल किया गया।
इसके बावजूद कर रहे कार्य
मार्ड की ओर से अध्यक्ष डाॅ. अर्पित धकाते और महासचिव डॉ. धरुन प्रसाद ने कहा कि इस कोरोना महामारी की स्थिति में वह लगातार कार्य कर रहे हैं और राष्ट्रसेवा कर रहे हैं। इसके बावजूद दोबारा परीक्षा कराने के लिए मना किया जा रहा है। जिससे उनका निजी नुकसान हो रहा है इसके बाद भी लगातार कार्य किया जा रहा है। दोबारा परीक्षा कराने के लिए मना करने से सभी कार्यरत डॉक्टर काम बंद आंदोलन करेंगे।
Created On :   3 Oct 2020 5:31 PM IST