नागपुर यूनिवर्सिटी की कर्मचारी सहकारी संस्था में भारी अनियमितता

Massive irregularity in employee co-operative organization of Nagpur University
नागपुर यूनिवर्सिटी की कर्मचारी सहकारी संस्था में भारी अनियमितता
नागपुर यूनिवर्सिटी की कर्मचारी सहकारी संस्था में भारी अनियमितता

डिजिटल डेस्क, नागपुर। राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय कर्मचारी सहकारी संस्था की वर्ष 2015-16 की कार्यकारिणी को 20 लाख 59 हजार 885 रुपए की अनियमितता का दोषी करार दिया गया है। सहकारी संस्था उपनिबंधक कार्यालय द्वारा की गई जांच में यह खुलासा हुआ है। वर्ष 2015-16 में स्वर्ण जयंती कार्यक्रम में तत्कालीन कार्यकारिणी ने जब फिजूलखर्ची की। इसका कोई हिसाब-किताब नहीं दिया गया। सर्वप्रथम वर्ष 2016-17 की ऑडिट रिपोर्ट में इस अनियमितता का खुलासा हुआ था। इसके बाद उपनिबंधक कार्यालय ने इसकी जांच बिठाई। संस्था के तत्कालीन अध्यक्ष व पूर्व उपमहापौर सतीश होले समेत कुल 13 लोगों को दोषी करार देकर उनमें से प्रत्येक के खिलाफ करीब 1.50 लाख रुपए की रिकवरी निकाली गई है। न देने पर 12 प्रतिशत ब्याज देने के आदेश है। इस मामले में आरोपी संस्था के मौजूदा संचालक मारोती बोरकर को भी पद से निष्कासित किया है। हाल ही में हुई आम सभा में निष्कासन पर फैसला लिया गया है। 

इन पर निकली रिकवरी

पूर्व अध्यक्ष सतीश होले, पूर्व उपाध्यक्ष सुनील इंगले, पूर्व कोषाध्यक्ष रमेश गोधने, पूर्व कार्यवाह प्रकाश मांडोकर, पूर्व सदस्य प्रकाश देशमुख, मारोती बोरकर, प्रमोद देशमुख, शंकर सयाम, मनोज जोशी, दिवाकर काले, धनुसिंह पवार, अश्विनी काले और सुनीता मेंढे।

21.99 लाख के सूटकेस खरीदे
वर्ष 2016-17 में  स्वर्ण जयंती के अवसर पर सदस्यों को उपहार स्वरूप बांटने के लिए कुल 21 लाख 99 हजार 700 रुपए के वीआईपी सूटकेस खरीदे गए। जबकि आम सभा में केवल 12 लाख 75 हजार रुपए का उपहार खरीदने का फैसला हुआ था। जांच अधिकारी ने स्पष्ट किया है कि तत्कालीन कार्यकारिणी ने 9 लाख 14 हजार 700 रुपए अतिरिक्त खर्च किए। 

10.17 लाख की फिजूलखर्ची 
स्वर्ण जयंती कार्यक्रम के लिए 10 लाख रुपए का बजट रखा गया था। लेकिन तत्कालीन संचालक मंडल ने प्रावधान से दोगुनी रकम खर्च की। 3 लाख 14 हजार 801 रुपए विज्ञापन ,32500 रुपए 13 तस्वीरों पर, करीब 5 लाख रुपए डेकोरेशन पर खर्च किए। वहीं कार्यकम में 1800 लोगों के खाने का खर्च 277050 रुपए बताया गया। जांच में यह सिद्ध नहीं हो सका कि वास्तविक इतने लोगों ने कार्यक्रम में भोजन किया था। न ही उक्त खर्च का कोई बिल या दस्तावेज जांच अधिकारी को दिया गया। इस कार्यक्रम में संस्था का करीब 10 लाख 17 हजार 356 रुपए का नुकसान कराया गया। 

उपमहापौर बनने पर किया कार्यक्रम
वर्ष 2016 में संस्था के तत्कालीन अध्यक्ष सतीश होले महापौर बने थे। ऐसे में संस्था के खर्च पर उनका सत्कार किया गया। विज्ञापन और कार्यक्रम पर 77 हजार 830 रुपए खर्च किए गए। जांच अधिकारी ने इस पर आपत्ति जताई है। 

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कोर्ट में चुनौती दी है
हमने कोई अनियमितता नहीं की। बस खर्च की श्रेणी दर्शाने में गलती कर दी। यह तकनीकी मुद्दा है। जांच अधिकारी की रिपोर्ट को हमने न्यायालय में चुनौती दी है। जल्द ही सच सबके सामने होगा। - सतीश होले, तत्कालीन अध्यक्ष 

Created On :   24 March 2021 5:02 AM GMT

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