जिन मथाड़ी मजदूरों के  हित प्रभावित हुए हैं वे ही कोर्ट आएं

Mathadi workers whose interests have been affected only come to court
जिन मथाड़ी मजदूरों के  हित प्रभावित हुए हैं वे ही कोर्ट आएं
जिन मथाड़ी मजदूरों के  हित प्रभावित हुए हैं वे ही कोर्ट आएं

डिजिटल डेस्क, नागपुर। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने बरसों से विचाराधीन माथाड़ी बोर्ड के कामगारों पर केंद्रित जनहित याचिका का यह कहते हुए निपटारा कर दिया कि इस मामले में वास्तविकता में जिन मजदूरों के हित प्रभावित हुए हैं, वे कोर्ट में रिट याचिका दायर करें तो ही कोर्ट इस मुद्दे पर विचार कर सकता है। दरअसल कामगारों को मिलने वाले अनाप-शनाप वेतन के मुद्दे पर कोर्ट ने स्वयं जनहित याचिका दायर की थी। कुछ कामगारों का मेहनताना जरूरत से बहुत ज्यादा, तो कुछ का बहुत कम है, इसका कोर्ट ने संज्ञान लिया था।

वेतन विसंगति पर हुई थी खोजबीन
क्षेत्रीय पोलाद प्रकल्प के माथाड़ी कामगारों के वेतन में अनियमितता का का मुद्दा स्थानीय समाचार-पत्रों मंे प्रकाशित हुआ था। बाॅम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने इस मामले का संज्ञान लेते हुए स्वयं जनहित याचिका दायर की थी। पूर्व में हुई सुनवाई के बाद सरकार ने तत्कालीन पुलिस महानिरीक्षक रवींद्र कदम की अध्यक्षता में गठित तीन सदस्यीय समिति को माथाड़ी कामगारों के वेतन मंे फर्क की विसंगति की खोजबीन शुरू की थी। दरअसल कुछ माथाड़ी कामगारों के वेतन चार लाख रुपए प्रतिमाह तक हैं। इनका काम महज इतना है कि उन्हें ट्रक लोडिंग, अनलोडिंग के दौरान कंटेनर को हूक से टांगना होता है। इस काम के लिए लाखों रुपए के वेतन पर याचिका में सवाल खड़े किए गए हैं। कहा गया है िक कई कामगारों की स्थिति इसके ठीक विपरीत है। उनके खाने के लाले पड़े हुए हैं। इस मामले का अब कोर्ट ने निपटारा कर दिया है। 

Created On :   27 Jan 2021 2:12 PM IST

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