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मेयो अस्पताल ने मांगे थे 4.50 करोड़ रुपए, मिले सिर्फ 2.94

डिजिटल डेस्क, नागपुर। इंदिरा गांधी शासकीय वैद्यकीय महाविद्यालय व रुग्णालय (मेयो) ने यंत्र व उपचार सामग्री तथा निर्माणकार्य के लिए 4 करोड़ 50 लाख रुपए का प्रस्ताव दिया था। वित्तीय वर्ष 2018-19 में जिला वार्षिक योजना अंतर्गत बजट में अनुदान प्रस्तावित किया गया। इसमें से यंत्र व आवश्यक सामग्री की खरीदी के लिए 2 करोड़ 94 लाख 44,777 रुपए निधि सरकार ने मंजूर किया है। संसाधनों की कमी से जूझ रहे मेयो अस्पताल को निधि मंजूर होने से नवसंजीवनी मिलने की उम्मीद जगी है।
यह सामग्री खरीदी जाएगी
बायाफेजिक डिफिब्रिलेटर वीथ ईसीजी 2 नग, बायफेजिक डिफिब्रिलेटर वीथ एईडी मॉनिटर, बायफेजिक डिफिब्रिलेटर वीथ एईडी, इमर्जेंसी सीपैप कीट, एसआईसीयू एयर प्यूरिफिकेशन सिस्टम, कार्डियॉक ईको-प्रो कॉम्पिटिबल सोनोसाइट फ्यूजिफिल्म यूएसजी मशीन, पोर्टेबल क्लीनिकल एनालाइजर फॉर एसआईसीयू, पोर्टेबल वीडियाे लैरिंगोस्कोप, गैस्ट्रो एन्ट्रॉलोजी इन्स्टुमेंट, जनरल सर्जी इन्स्टुमेंट, विनिसेक्शन इन्स्टुमेंट, थॉम्पसन एब्डामिनल रिटैक्टर सिस्टम, ट्रैचीओस्टॉमी इन्स्टुमेंट, बेरियाट्रिक लैप्रोस्कोपिक एसेसरिज, आस्टीयोलौजी इन्स्टुमेंट, लैप्रोस्कोपी लाइट सोर्स वीथ केबल, लेप्रोस्कोपी सीओटू इन्सफीलेटर, लेजर इन्स्टुमेंट, प्रोटेक्टिव गॉगल्स फॉर प्रोक्टोलॉजी 5 सेट, गैस्ट्रो इंडोस्कोपी एसेसरिज, वीडियो हिस्ट्रोस्कोपी सेट वीथ रिसेक्टोस्कोपी, एडवांस लेप्रोस्कोपी सिस्टम, एचडी 3 चीप कैमरा, कॉटरी मशीन, ऑप्थॉल्मिक क्रायो यूनिट वीथ एनटूओ सिलेंडर, ओरिजनल जैपनीज कलर वीजन बुक, स्पइनल इंडोस्कोपी एंड आर्थोस्कोपी सेट, ब्लड स्टोरेज रेफ्रिजरेटर, ट्यूब सिलर, नसल इंडोस्कोपी एंड ऑटो इडोस्कोपी वीथ एचडी कैमरा एंड लाइट सोर्स वीथ मेडिकल ग्रेड मॉनिटर, फ्लेक्जिबल नॅसोफैरिंगोस्कोप, पेडेस्टियल डबल डोम एलईडी ओलाइट, बेसिक बॉइल्स ऑपरेटस वेपोराइजर (एनेस्थेशिया मशीन), क्लीनिकल ऑडियोमीटर, साउंड प्रूफ ऑडियोमीटर एंड बेरा रूम, नॉन इन्वेंसिव वेंटिलेटर, डेंटल चेयर यूनिट, विस्टा स्कैन मिनी, एंडोमोटर टीसी-2, आर-सेंसर जीवी, एपेक्स लोकेटर आदि।
उल्लेखनीय है कि मेडिकल और मेयो हास्पिटल में शहर ही नहीं आसपास रहने वाले लोग भी उपचार के लिए आते हैं। संसाधनों की कमी के चलते कई तरह की जांच लंबित होती जाती है जिससे मरीजों के परिजनों को निजी अस्पलातों की ओर रूख करना पड़ता है। ऐसी स्थिति में गरीब मरीजों के सामने कोई विकल्प नहीं बचता और उन्हें मेयो के भरोसे ही जीवन नैया पार लगानी पड़ती है। उपरोक्त संसाधनों की पूर्ति होने से मरीजों को सुविधा उपलब्ध हो सकेगी।
Created On :   10 Jan 2019 11:46 AM IST