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मरीजों के घर लौटते वक्त सबसे अधिक खुश होता है मेडिकल स्टॉफ

डिजिटल डेस्क, नागपुर । नर्स हमारे चिकित्सा संस्थानों में आवश्यक भूमिका निभाती हैं। मरीजों के ठीक होने में उनका बड़ा योगदान होता है। आज इंटरनेशनल नर्सेस डे पर मेयो अस्पताल की नर्सों ने अपने अनुभवों को साझा किया। उन्होंने कहा- जब मरीज को छुट्टी मिल जाती है, तो सबसे ज्यादा खुशी हमें ही होती है।
30 मरीजों की सांसत में जान
21 मार्च सुबह 11 बजे की बात है। मेरी ड्यूटी कोविड आईसीयू में थी। वार्ड में पहुंचकर मरीजों को दवा और नाश्ता दे रही थी, तभी वार्ड के बाहर लगी पेटी में शॉट-शर्किट हुआ। उस समय आईसीयू वार्ड में 30 मरीज थे। 5-6 मरीजों को वेंटिलेटर लगा था। मैंने तुरंत स्टाफ को बुलाया और वेंटिलेटर मरीजों का दूसरी रो में शिफ्ट किया। बड़ा हादसा टल गया। 7-8 बार कोरोना आईसीयू में ड्यूटी कर चुकी हूं। मरीजों के साथ अपनी भी सुरक्षा की। अभी तक संक्रमण से बची हूं। हम नर्स हैं, हमारा काम मरीजों की मदद करना है। मंगला मारबते घोड़ेवार, इंचार्ज सिस्टर, मेयो
अचानक बंद हो गए वेंटिलेटर
मार्च 2020 से कोविड वार्ड में ड्यूटी कर रहा हूं। 21 मार्च को सुबह मेरी ड्यूटी कोविड आईसीयू में थी। डॉक्टर राउंड पर थीं। इंचार्ज सिस्टर भी मरीजों को दवा दे रही थी, तभी उन्हें ध्यान में आया कि बीच वाली लाइन के पहले पैनल में लगे वेंटिलेटर बंद हो गए हैं। हमने जल्द से जल्द मरीजों को दूसरी रो में शिफ्ट कर उन्हें वेंटिलेटर लगाया। पिछले वर्ष 24 मार्च को मुझे बेटा हुआ। उस समय मैं कोविड वार्ड में ड्यूटी पर था। लगभग तीन महीने तक छुट्टी नहीं मिली। पत्नी मायके में थी। तीन महीने बाद बेटे का चेहरा देखा। हमारा उद्देश्य मरीजों की सेवा करना है। प्रशिक मेश्राम, मेल स्टाफ नर्स, मेय
ऑक्सीजन पाइप लीक, वार्ड में धुआं
अक्सर मेरी ड्यूटी आईसीयू में होती है। कोरोनाकाल शुरू होने से पहले की बात है, वार्ड में पहुंची, तभी जोर से आवाज आने लगी। वार्ड में धुआं फैलने लगा। समझ आ गया कि ऑक्सीजन पाइप लीक कर रही है। दौड़कर ऑक्सीजन पाइप के पहुंची। धुआं के बीच डंडे की मदद से नॉब बंद किया। आईसीयू वार्ड में उस समय 12 मरीज थे, जिसमें से 4 बहुत सीरियस थे। हादसा टला गया। मरीजों की सेवा करना और उनकी जान बचाना हमारा कर्तव्य है। पहले मरीज उसके बाद बाकी की दुनिया। मैं नर्सिंग प्रोफेशन में 32 वर्ष दे चुकी हूं। चित्रा कुंभारे, इंचार्ज सिस्टर, मेडिसिन आईसीसीयू, मेयो
जब कोई नहीं होता, तो हम होते हैं
28 वर्ष से नर्सिंग प्रोफेशन में हूं। मुझे इस बात की खुशी की है कि अभी तक न तो मैं और न ही मेरे परिवार का कोई सदस्य कोरोना पॉजिटिव हुआ है। जब से कोरोना शुरू हुआ, तब से मैं और परिवार के सभी सदस्य कोरोना के सभी दिशा-निर्देशों का पालन कर रहे हैं। कोविड वार्ड में हमने मरीजों को रोते हुए देखा है। कई बार मरीजों के लिए घर से खाना बनाकर लाए हैं। रिश्तेदारों के नहीं आने से जब भी मरीज दु:खी होते, हम हौसला बढ़ाते हैं। मरीजों को कहते हैं कि हम उनके साथ हैं। मेरा मानना है कि कोरोना महामारी को जल्दी ही हराकर दम लेंगे। शार्लेट दास, सीनियर स्टाफ नर्स, मेयो
Created On :   12 May 2021 12:09 PM IST