जिला अस्पताल में दवाइयां खत्म, कैसे होगी गर्भवती और नवजातों की सुरक्षा?

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जिला अस्पताल में दवाइयां खत्म, कैसे होगी गर्भवती और नवजातों की सुरक्षा?

डिजिटल डेस्क, छिंदवाड़ा/पांढुर्ना। जिला अस्पताल समेत जिलेभर के सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों और प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में दवाइयों की कमी के चलते मरीजों की स्वास्थ्य सुरक्षा पर सवाल उठ रहे हैं। इन सरकारी अस्पतालों में सामान्य मरीजों के साथ गर्भवती और नवजातों के उपचार के लिए भी दवाईयां नहीं है। ऐसे में मरीज निजी सेवाओं की शरण ले रहे हैं।

जिले के दूसरे और 100 बिस्तर वाले बड़े अस्पताल में तब्दील हो रहे पांढुर्ना के सिविल अस्पताल में कुछ आवश्यक दवाइयों की कमी है। इन दिनों अस्पताल में गर्भवती महिलाओं को छोड़कर किसी अन्य मरीज के लिए टीटनेस के इंजेक्शन तक नहीं है। वहीं दूसरी ओर तमाम सुविधाओं का दावा करने वाले इस अस्पताल में नवजात बच्चों के लिए दवाइयां नहीं है। नवजात बच्चों को लगभग सभी दवाईयां ड्राप फार्म में दी जाती है। जिसकी पांढुर्ना अस्पताल में वर्षों से आपूर्ति नहीं है। यहीं स्थिति जिला अस्पताल और अन्य स्वास्थ्य केन्द्रों की भी है।

इसी प्रकार अस्पताल में जन्म लेने वाले नवजातों या अन्य 28 दिन से छोटे बच्चों के लिए सर्दी, खांसी, बुखार, दर्द, इंफेक्शन आदि बीमारियों के लिए कोई दवा उपलब्ध नहीं है। दरअसल नवजातों को ड्राप फार्म में दवाईयां दी जाती है। परंतु स्थानीय अस्पताल में कभी भी ड्राप फार्म में इन आवश्यक दवाइयों की आपूर्ति नहीं हुई।

कार्यक्रम और योजनाएं हुई फेल

जानकारों का कहना है कि पहले अस्पताल में सरदार वल्लभभाई पटेल नि:शुल्क औषधी वितरण योजना, रिप्रोडक्टीव एंड चाईल्ड हेल्थ प्रोग्राम, नेशनल रूरल हेल्थ मिशन, जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम सहित जनरल कैटेगरी से दवाईयां आती थी। बीते कुछ महीनों से इन सभी योजनाओं और कायक्रमों से दवाईयां आना बंद हो गई। केवल जनरल कैटेगरी की दवाईयों के भरोसे ही उपचार करना पड़ रहा है। पहले सभी ओर दवाइयों का स्टॉक आने के चलते मरीजों को सुविधाएं देने में आसानी होती थी, पर अब उपचार थोड़ा मुश्किल हो रहा है।

पांढुर्ना के शिशुरोग विशेषज्ञ डॉ. मिलिंद गजभिए ने कहा कि न्यू बॉर्न बेबी के लिए ड्राप फार्म में दवाईयां अति आवश्यक है। वरिष्ठ अधिकारियों को भी इस बात से अवगत कराया है। दवाइयों की कमी के चलते अन्य कार्यक्रमों की दवाइयों से उपचार की व्यवस्था बनानी पड़ रही है।

पांढुर्ना बीएमओए डॉ. एचपी चौहान ने कहा कि अस्पताल में अधिकांश दवाईयां उपलब्ध है। टीटनेस और बच्चों की दवाईयों के लिए हमने मांग पत्र भेजे है। संभवत: अगले महीने से सभी दवाइयां आना शुरू हो जाएगी।

Created On :   11 July 2017 10:53 PM IST

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