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बाघों की सुरक्षा के लिए मेलघाट ने न गुजरे रेल लाइन

डिजिटल डेस्क, मुंबई। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मेलघाट टाइगर रिजर्व से निकलने वाले अकोला-खांडवा रेल ब्राडगेज परिवर्तन परियोजना को रोकने के लिए केंद्र सरकार से आग्रह किया है।उन्होंने कहा कि परियोजना के कारण बाघोंको खतरा पैदा होने की संभावना है। इसलिए परियोजना के लिए वैैकल्पिक रेल मार्ग का चयन किया जाए। मुख्यमंत्री ने इस संबंध में रेलवे मंत्री पीयूष गोयल और केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावडेकर को पत्र लिखा है। मुख्यमंत्री ने अपने पत्र में कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद बाघ संरक्षण को प्राथमिकता दी है।
टाइगर परियोजना की सफलता हम विश्वभर में बताते हैं। इसको ध्यान में रखते हुए अकोला-खांडवा गेज परिवर्तन परियोजना के लिएमेलघाट टाइगर रिजर्व के बाहर से कोई दूसरा मार्ग चुना जाए। रेल मंत्रालय ने फिलहाल अकोला से खांडवा तक के 176 किमी रेलवे मार्ग को मीटर गेज से ब्राडगेज में परिवर्तन करने के प्रस्ताव को मंजूरी के लिए पेश किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मेलघाट टाइगर रिजर्व से जाने वाले मार्ग की जगह दूसरा मार्गचुना गया तो दुर्लभ बाघों के आवास को कोई नुकसान नहीं होगा। इसके साथ ही जलगांव-जामोद और संग्रामपुर तहसील और उसके आसपास के 100 गांवों को नए ब्रॉडगेज मार्ग का फायदा होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतीय वन्यजीव संस्था ने भी मेलघाट टाइगर रिजर्व की बजाय वैैकल्पिक मार्ग से ब्रॉडगेज परियोजना करने का सुझाव दिया है। वन्यजीव राष्ट्रीय बोर्ड ने भी राज्य सरकार को मेलघाट टाइगर रिजर्व की 160.94 हेक्टेयर वन जमीन रेलवे मार्ग को देने के लिए पुनर्विचार करने को कहा है। इस संबंध में बोर्ड ने राज्य सरकार को प्रस्ताव भेजा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि साल 1973-74में देश में घोषित किए गए 9 टाइगर रिजर्व में मेलघाट प्रथम स्थान पर है। मेलघाटटाइगर रिजर्व2768.52 चौ किमी क्षेत्र में पसरा है। प्रस्तावित बॉड गेज परियोजना के कारण बड़े पैमाने पर रेलवे परिचालन होगा। इससे टाइगर रिजर्व के वन्य प्राणियों को रहने में मुश्किल पैदा हो सकती है। इस क्षेत्र को अबाधित व सुरक्षित रखने के लिए 16 गांवों और क्षेत्र के बाहर के 6 गांवों को दूसरी जगहों पर पुनर्वसित किया गया है। यह गांव रेलवे मार्ग के 10 किमी के परिधि के थे।
Created On :   15 July 2020 6:02 PM IST