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मेलघाट की गडगा नदी सूखी, पेयजल के लिए भटक रहे वन्यजीव

डिजिटल डेस्क, धुलघाट रोड (अमरावती)। मेलघाट के धारणी तहसील में आनेवाले धुलघाट रोड गांव से सटकर बहनेवाली गडगा नदी ग्रीष्मकाल की इस मई माह में पूरी तरह सूख गई है। इस वर्ष पहली बार नदी के डोह भी सूख जाने से वन्यप्राणियों को भी अब अपनी प्यास बुझाने के लिए भटकना पड़ रहा है। डोह में मिट्टी और मलबा भर जाने से यह डोह सूखे रहने की अधिकारियों द्वारा जानकारी दी जा रही है। जानकारी के मुताबिक चिखलदरा से बहनेवाली यह गडगा नदी मेलघाट के धारणी तहसील के धुलघाट रोड व गोंडवाड़ी गांव के पास से बहते हुई तापी नदी में आकर मिलती है। इस नदी का तापी नदी में संगम होता है। धुलघाट रोड गांव से सटकर बहनेवाली इस नदी के डोह में बारह माह पानी भरा रहता रहने से ग्रीष्मकाल के इस मौसम में अनेक वन्यप्राणी हर दिन यहां अपनी प्यास बुझाने आते रहे हैं। लेकिन इस वर्ष ग्रीष्मकाल शुरू होते ही मई माह में यह गडगा नदी पूरी तरह सूख गई है।
साथ ही डोह भी सूख जाने से वन्यप्राणियों को पानी के लिए अब भटकना पड़ रहा है। गांव में नल न आने पर धुलघाट रोड के ग्रामीण इस डोह पर नहाने, मवेशियों को पानी की प्यास बुझाने और कपड़े धोने के लिए जाया करते थे। लेकिन इस वर्ष डोह में मिट्टी और रेत भर जाने से और उसकी सफाई न होने से डोह भी सूख गए हैं। नदी में मलबा भी काफी हो गया है। प्रशासन द्वारा कोई उपाय योजना न किए जाने से ग्रीष्मकाल शुरू होते ही यह डोह भी सूख गए हैं। नदियों में कुछ ऐसे पात्र होते हंै, जहां नदी पूरी तरह सूख जाने के बावजूद उन पात्रों में पानी भरा रहता है। लेकिन इस वर्ष भीषण गर्मी के कारण इन पात्रों को भी सूखता देखा जा रहा है। गांव के वरिष्ठ नागरिकों का कहना है कि धारणी तहसील से बहनेवाली गडगा, सिपना और तापी नदी के पात्र कभी सूखे दिखाई नहीं देते थे। नदी के पात्रों में बारह माह पानी भरा रहता था। गर्मी में उसी पानी का इस्तेमाल किया करते थे। लेकिन इस वर्ष यह तट भी सूख जाने से ग्रामीणों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
Created On :   6 May 2022 2:22 PM IST