तेंदुए की करंट से मौत के मामले में किसानों पर कार्रवाई के खिलाफ सौंपा ज्ञापन

डिजिटल डेस्क पन्ना। पन्ना जिले में वन्य प्राणी व मानवों के बीच संघर्ष लगातार जारी है। इसके साथ ही करंट एवं फंदों में फंसने से वन्य प्राणियों की मौत का सिलसिला भी लगातार जारी है। इसी प्रकार का मामला विगत 17 जनवरी को अमानगंज थाना अंतर्गत ग्राम बमुरहा में सामने आया जहां खेत की सिंचाई के दौरान रात में एक तेंदुआ करंट की चपेट में आने से काल के गाल में समा गया। पोस्टमार्टम में करंट लगने से मौत का मामला सामने आने के बाद वन कर्मियों के द्वारा कुछ किसानों एवं राहगीरों को पकड़ लिया गया। जिससे क्षेत्रीय किसानों में आक्रोश व्याप्त है। मामले के संबंध में कांग्रेस जिला अध्यक्ष शारदा पाठक, गुनौर विधायक शिवदयाल बागरी, भरत मिलन पाण्डेय, मध्य प्रदेश किसान कांग्रेस उपाध्यक्ष अब्दुल रमजान चौहान, आनंद शुक्ला, भारतीय किसान यूनियन के जिला अध्यक्ष बसंत लाल पटेल, सेवालाल पटेल एवं जितेंद्र सिंह जाटव, जीवनलाल सिद्धार्थ सहित सैकड़ों किसानों ने ज्ञापन सौंपा है।
वन कर्मियों पर लगे रिश्वत मांगने और झूठा प्रकरण में फंसाने के आरोप
ज्ञापन में उल्लेख किया गया है कि ग्राम बमुरहा के कृषक राम भगत पटेल पिता रामनाथ पटेल के बोर का स्थाई विद्युत कनेक्शन है जिससे 17 जनवरी 2023 को रात्रि में जंगली जानवर तेंदुए की करंट लगने से घटनास्थल पर ही मौत हो गई। सुबह घटना की सूचना वन कर्मियों को दी गई। शाम को वनकर्मी मौके पर पहुंचे और रात तक ग्रामीणों से पूछताछ की। दिनांक 18 जनवरी को वन कर्मियों द्वारा किसानों को पूछताछ के लिए ले जाया गया और 20 जनवरी तक नहीं छोड़ा गया। परिवार के सदस्य जब मिलने गए तो वन विभाग के द्वारा किसानों पर प्रकरण दर्ज करने की धमकी दी गई और 50-50 हजार रुपए की मांग की गई। रूपए नहीं देने पर मारपीट का मामला भी सामने आया है और पूछताछ के लिए ले जाए गए किसानों को चोट बताई जा रही है। किसानों ने बताया कि घटनास्थल पर तेंदुए का पीएम किया गया था और करंट लगने से मौत की बात कही गई थी पर अब वन कर्मियों द्वारा किसानों पर तेंदुए को मारने के आरोप लगाए जा रहे हैं। किसानों ने वन कर्मियों पर जबरन वसूली का दबाव बनाने के आरोप लगाए हैं। क्षेत्रीय किसानों, जनप्रतिनिधियों एवं सामाजिक संगठनों द्वारा न्याय दिलाने की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा गया है और मांग की गई है कि वन कर्मियों द्वारा पकड़े गए किसानों को छोड़ा जाए और उनका मेडिकल परीक्षण करवाया जाए साथ ही दोषियों पर मामला दर्ज किया जाए। मांग पूरी नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी दी गई है।
Created On :   21 Jan 2023 4:19 PM IST