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राज्य में सभी मनपा को मिले समान अधिकार, महाराष्ट्र महापौर परिषद में मुख्यमंत्री को सौंपा ज्ञापन

डिजिटल डेस्क, नागपुर। चुनाव और आपातकाल की स्थिति में जरुरत के हिसाब से उपाय-योजना करने के अधिकार आयुक्त की जगह महापौर को दिए जाएं। बृहनमुंबई की मनपा के महापौर को यह अधिकार है। राज्य की सभी मनपा को इसी तर्ज पर समान अधिकार दिए जाएं। यह मांग महाराष्ट्र महापौर परिषद में मुख्यमंत्री को दिए गए 20 सूत्रीय ज्ञापन में कही। यह ज्ञापन परिषद के अध्यक्ष विश्वनाथ महाडेश्वर की अध्यक्षता में मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस को सौंपा गया। इस पर केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि अधिकार बढ़ने चाहिए। मैं दक्षिण कोरिया गया था, तो मुझे बताया गया कि वहां के 3 पूर्व प्रधानमंत्री जेल में हैं और वर्तमान प्रधानमंत्री का कार्यकाल खत्म होने के बाद उनके भी जेल जाने की आशंका है। वहां कानून का कड़ाई से पालन होता है, इसलिए यह दौर ऐसा चल रहा है, जब हमें बचकर काम करना होगा।
वर्तमान में सूचना का अधिकार और जनहित याचिकाओं का दौर चल रहा है, जहां लोग न्यायालय में छोटे-छोटे मुद्दे पर सवाल खड़ा करते हैं। इससे मालूम नहीं कब , कौन जेल जाएगा। इस पर सभागृह ने जमकर ठहाके लगाए। बात यहीं नहीं रुकी मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने उनकी बात को जोड़ते हुए चुटकी लेकर कहा कि केन्द्रीय मंत्री नितीन गडकरी ने सारे प्रोजेक्ट के बारे में जानकारी दी, लेकिन नई जेल के बारे में बताना शायद भूल गए। इस बात का महापौर के अधिकार वाले विषय से कोई संबंध नहीं है।
मनपा में 90 फीसदी समय खर्च करने पर सोचते हैं, जबकि सिर्फ 10 फीसदी सिर्फ मनपा की आय बढ़ाने पर। डंबर के रास्तों में 45 रुपए प्रति किलो का डांबर उपयोग होता है इसमें प्लास्टिक, रबर और कांच का मिश्रित पाउडर का उपयोग किया जा सकता है। इससे कचरे की समस्या भी खत्म होगी और वह सिर्फ 12 रुपए में मिल जाएगा। यह बात केंद्रीय मंत्री नितीन गडकरी ने कही। उन्होंने कहा कि मनपा की हालत बहुत ही खराब है मेट्रो को 900 करोड़ देना है, लेकिन उसके पास 9 लाख क्या 9 हजार रुपए भी नहीं। दिवाली कैसे मनेगी मालूम नहीं। लोग मेरे घर पर धमकी देकर गए हैं। शहर के प्रमुख बाजारों को मेट्रो को देने के लिए चिन्हित कर लिया गया है, जिससे 250 से 300 करोड़ रुपए की आय मनपा को होगी।
महापौर का अतिथि भत्ता बढ़ाया जाए। आयुक्त के अलावा अन्य अधिकारियों की गोपनीय रिपोर्ट लिखने का अधिकार महापौर को मिले। सांसद-विधायकों जैसे महापौर की निधि में प्रोत्साहन निधि दी जाए। नागपुर महापौर के प्रशासकीय व वित्तीय अधिकार बढ़ाए जाएं। महापौर को काम करने में परेशानी होती है। 1888 में जो नियम बना था, वह आज भी लागू हो रहा है। आजादी के पहले जो नियम थे, वह दमनकारी थे। वर्तमान समय लोकतंत्र का है और इसमें उसका पालन संभव नहीं है, उसमें बदलाव होना चाहिए। यह बात महाराष्ट्र महापौर परिषद के अध्यक्ष प्रा.विश्वनाथ महाडेश्वर ने शनिवार को वनामति में आयोजित महापौर परिषद में कही। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस व केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी उपस्थित थे।
Created On :   28 Oct 2018 4:02 PM IST