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धरोहर के रुप में सहेजेंगे नैरोगेज की यादें, स्टेशन में लगेगा इंजन

डिजिटल डेस्क छिंदवाड़ा। 111 वर्ष छिंदवाड़ा की लाइफ लाइन रही नैरोगेज ट्रेन की यादों को रेलवे धरोहर के रुप में सहेजेगा। रेलवे स्टेशन परिसर में नैरोगेज ट्रेन का लोकोमोटिव इंजन स्थापित करने की तैयारियां तेज हो गई हैं। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे नागपुर मंडल के अधिकारी बंद हो चुकी नैरोगेज ट्रेन का इंजन मिलने का इंतजार कर रहे हैं। इसे स्टेशन भवन के सामने सर्कुलेटिंग एरिया में लगाया जाएगा। वर्ष 1904 में छिंदवाड़ा में नैरोगेज ट्रेनों का संचालन शुरु हुआ था। 1 दिसंबर 2015 को छिंदवाड़ा-नागपुर एवं छिंदवाड़ा-नैनपुर लाइन पर मेगा ब्लाक लगते ही जिले में नैरोगेज ट्रेनों का सफर थम गया था। छिंदवाड़ा में चलने वाले छोटी ट्रेनों के इंजन अब दूसरी नैरोगेज लाइनों में दौड़ रहे हैं वहीं कुछ को धरोहर के रुप में विभिन्न शहरों के रेलवे स्टेशनों में स्थापित किया गया है।
रेलवे बोर्ड से मिल चुकी है स्वीकृति-
रेलवे बोर्ड छिंदवाड़ा रेलवे स्टेशन में करीब पंद्रह माह पूर्व लोकोमोटिव इंजन स्थापित करने की स्वीकृति दे चुका है। अब रेलवे अधिकारियों ने छिंदवाड़ा रेलवे स्टेशन में इंजन स्थापित कराने के प्रयास तेज कर दिए ं।
मोतीबाग रेलवे म्यूजियम में छिंदवाड़ा से जुड़ी सामग्रियां-
छोटी ट्रेनों का संचालन बंद होने के बाद छिंदवाड़ा से नैरोगेज की सभी सामग्री नागपुर मंडल में पहुंचाई गई थीं। इनमें से कई सामग्रियों को मोतीबाग रेलवे म्यूजियम में संग्रहित किया गया है।
बालाघाट में लगा, छिंदवाड़ा में इंतजार-
छिंदवाड़ा एवं बालाघाट में लगभग एक साथ नैरोगेज लाइन बंद हुई थी। बालाघाट के रेलवे स्टेशन परिसर में करीब डेढ़ वर्ष पूर्व नैरोगेज इंजन स्थापित किया जा चुका है। वहीं छिंदवाड़ा रेलवे स्टेशन में इंजन स्थापित करने की स्वीकृति मिलने के पंद्रह माह बाद भी इस पर अमल नहीं हो पाया। जोनल रेलवे सदस्य सत्येंद्र ठाकुर का कहना है कि रेलवे बोर्ड छिंदवाड़ा में नैरोगेज इंजन स्थापित करने की स्वीकृति दे चुका है। इसे जल्द से जल्द स्थापित किया जाना चाहिए।
इनका कहना है-
छिंदवाड़ा रेलवे स्टेशन के सर्कुलेटिंग एरिया में जल्द ही नैरोगेज ट्रेन का इंजन स्थापित किया जाएगा।
-अर्जुन सिब्बल, सीनियर डीसीएम, दपूम रेलवे नागपुर मंडल
Created On :   12 March 2018 2:30 PM IST