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बंगाल से साेना लाने नॉनस्टॉप जाते हैं आदमी

डिजिटल डेस्क, नागपुर। इतवारी सर्राफा मामला कई दिनों चल रहा है। इस मामले में रोज नए-नए खुलासे हाे रहे हैं। यदि जांच की जाती है, तो स्मगलिंग का सोना लाने वालों में बाजार के कई सफेदपोश व्यापारी और बड़े खिलाड़ियों पर शिकंजा कसा जा सकता है। बताया जा रहा है कि, यह स्मगलिंग का सोना बांगलादेश से बंगाल आता है और फिर नागपुर के व्यापारी बंगाल से सोना लाने के लिए अपना आदमी भेजते हैं। जब एक आदमी सोना लेकर नागपुर पहुंचता है, उसके तुरंत बाद ही यहां से दूसरा आदमी बंगाल के लिए रवाना हो जाता है। यह सिलसिला लगातार चलता रहता है। नवीन रजाई का भाई अनिल रजाई भी बंगाल से सोना मंगवाता था। अवैध तरीके से सोना लाने के मामले में वह कई बार पकड़ा भी जा चुका है। वही मामा शंकर कक्कड़ बाजार में मांडवली के लिए फेमस है। इससे पहले भी उसका 7-8 मामलों में नाम सामने आ चुका है। उसे अन्य सर्राफा व्यापारी कई बार समझा भी चुके हैं।
3 हजार रुपए में करता था नौकरी
जानकारी के अनुसार मामा शंकर कक्कड़ सर्राफा बाजार में एक ज्वेलरी शॉप में 3 हजार रुपए मासिक पगार पर नौकरी किया करता था। कुछ साल नौकरी करने के बाद उसने नौकरी छोड़ दी और सोना-चांदी से संबंधित अवैध धंधों में शामिल हाे गया। सिक्के गलाने के मामले में भी वह जेल जा चुका है। बताया जा रहा है कि, रजाई से पहले कक्कड़ जीतू नामक सर्राफा व्यापारी का भी माल पकड़वा चुका है। चर्चा है कि, वह सट्टा बाजार में भी काफी सक्रिय है। एक कसीनो में भी उसकी पार्टनरशिप है।
नहीं दिया जवाब : ‘दैनिक भास्कर’ ने नवीन रजाई और मामा शंकर कक्कड को मैसेज कर उनका पक्ष जानना चाहा, लेकिन दोनों ने कुछ भी जवाब नहीं दिया।
Created On :   4 Dec 2022 3:48 PM IST