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15000 से ज्यादा वेतन पर ही वसूला जाए प्रोफेशनल टैक्स : भारत मर्चेंट चेंबर

डिजिटल डेस्क, मुंबई। व्यापारियों के प्रमुख संगठन भारत मर्चेंट चेंबर ने प्रोफेशनल टैक्स 15000 से ज्यादा मासिक वेतन पर ही वसूले जाने की मांग की है। अभी तक यह 7500 वेतन पर वसूला जाता है। पिछले दिनों इसके लिए चेंबर ने सरकार को पत्र लिखा था। फिलहाल सरकार ने प्रोफेशनल टैक्स वसूलने के लिए न्यूनतम वेतन 7500 ही रखा है, लेकिन चेंबर को उम्मीद है कि भविष्य में गरीबों की सरकार का दावा करने वाले उनकी यह मांग मानेंगे।
भारत मर्चेंट चेंबर के अध्यक्ष राजीव सिंघल का कहना है कि राज्य सरकार ने शुक्रवार को विधानमंडल में पेश बजट में टैक्स वसूली के लिए जो सुधार किए हैं, वह स्वागत योग्य है। लेकिन सरकार को प्रोफेशनल टैक्स की सीमा 7500 से बढ़ा कर कम से कम 15 हजार करनी चाहिए। मंहगाई के इस दौर में साढ़े सात हजार के वेतन में परिवार चलाना वैसे ही बेहद मुश्किल काम है। उसमें से भी सरकार प्रोफेशनल टैक्स के नाम पर 200 रुपए ले लेती है। उन्होंने बताया कि इसके लिए हमनें सरकार को पत्र भी लिखा था। आगे भी हमारी कोशिश होगी कि सरकार प्रोफेशनल टैक्स की सीमा बढ़ाए। हमारी यह मांग व्यापारियों के लिए ही नहीं बल्कि बेहद कम वेतन वालों के लिए है। उन्होंने कहा कि वन टाईम प्रोफेशनल टैक्स जमा करने के विकल्पों से सरकार और कर दाताओं दोनों को लाभ होगा। हालांकि अभी भी यह सुविधा है कि चार साल का प्रोफेशनल टैक्स एक साथ जमा करने से पांच साल भरा मान लिया जाता है। लेकिन बजट में घोषित नए विकल्पों में कितना लाभ होगा यह विधेयक पारित होने के बाद ही पता चल सकेगा।
क्या होता है प्रोफेशनल टैक्स
प्रोफेशनल टैक्स अप्रत्यक्ष कर है, इसे वृत्तिकर भी कहा जाता है। यह विशेष नगरीय निकाय क्षेत्र सरकारी और गैर-सरकारी सेवाओं में कार्यरत व्यक्ति, चार्टेड एकाउंटेंट, डाक्टर, वकील और अन्य व्यावसायिक गतिविधियों में लगे व्यापारियों पर लगाया जाता है। यह टैक्स राज्य सरकारें लेती हैं।
इन राज्यों में लगाया जाता हैं प्रोफेशनल टैक्स
आन्ध्र प्रदेश, असम, छत्तीसगढ़, गुजरात, महाराष्ट्र, मेघालय, मघ्यप्रदेश, उड़ीसा, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडू, त्रिपुरा ,पश्चिमी बंगाल और अन्य राज्य - हरियाणा, उत्तरप्रदेश केन्द्र शासित राज्य जिसमें दिल्ली व चंड़ीगढ़ भी सम्मिलित है।
इनकम टैक्स जैसा प्रोफेशनल टैक्स
किसी भी कर्मचारियों के वेतन से प्रोफेशनल टैक्स काटने के लिए कंपनी को जिम्मेदारी दी जाती है, जो कर्मचारी सेवारत हैं, उनका टैक्स कंपनी की ओर से कटौती कर सरकार को जमा कराया जाता है। यह इनकम टैक्स की तरह ही माना जाता है।
Created On :   10 March 2018 10:47 PM IST