सुप्रीम कोर्ट : नरभक्षी बाघिन को गोली मारने के आदेश पर दया याचिका खारिज

Mercy petition dismissed on order to shoot cannibals tigress in supreme court
सुप्रीम कोर्ट : नरभक्षी बाघिन को गोली मारने के आदेश पर दया याचिका खारिज
सुप्रीम कोर्ट : नरभक्षी बाघिन को गोली मारने के आदेश पर दया याचिका खारिज

डिजिटल डेस्क, नागपुर। देश की सुप्रीम कोर्ट ने प्रधान वन संरक्षक के उस फैसले को कायम रखा है, जिसमें उन्होंने यवतमाल जिले के पांढरकवड़ा वन्य क्षेत्र में विचरण कर रही आदमखोर बाघिन को गोली मारने का आदेश निकाला था। वन्यजीव प्रेमी जैरिल बनाइत ने पहले इस फैसले को हाइकोर्ट में चुनौती दी थी, हाइकोर्ट ने इस अर्जी को 6 सितंबर को खारिज कर दिया था। इसके बाद बनाइत ने सुप्रीम कोर्ट की शरण ली। मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पाया कि बाघिन वाकई क्षेत्र के निवासियों के लिए खतरा बन चुकी है और वन विभाग के पास उसे गोली मारने के ठोस कारण और पुख्ता सबूत है। ऐसे में सर्वोच्च न्यायलय ने भी वन विभाग के फैसले को कायम रखा।

बीते कुछ दिनों में 12 लोगों और अनेक मवेशियों की पर हमला कर उनकी जान लेने वाली इस बाघिन को वन विभाग ने देखते ही गोली मारने का निर्णय लिया है। इसके खिलाफ वन्य प्रेमी जैरिल बनाईत ने हाईकोर्ट में अर्जी दायर की थी। वन विभाग ने इस बार हाईकोर्ट को बताया कि किस तरह बाघिन निवासियों के लिए जानलेवा साबित हो रही है। इस बार उनके पास पुख्ता सबूत हैं कि बाघिन टी-1 ही लोगों की जान ले रही है। फिर भी वे पहले तो उसे पकड़ने की कोशिश करेंगे,अगर इसके बाद भी सफलता नहीं मिलती है तो उसे गोली मारी जाएगी।

यह है मामला
वन्य प्रेमी जैरिल बनाईत ने बाघों को गोली मारने के आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर कर रखी है। इसके पूर्व में भी वन विभाग ने इसी बाघिन को गोली मारने का आदेश निकला था। तब भी कोर्ट में यह मामला पहुंचा था। कोर्ट ने पूर्व में वन विभाग को बाघिन को गोली मारने की जगह बेहोश करके पकड़ने को कहा था। हाल ही में बाघिन के बढ़ते हमले देख वन विभाग ने उसे देखते ही गोली मार देने और उसके दो शावकों को पकड़ने का आदेश जारी किया है।

Created On :   11 Sep 2018 9:38 AM GMT

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