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बढ सकती है मेट्रो की रफ्तार, 27 को करेंगी कमिश्नर मेट्रो रेल सेफ्टी टीम जांच
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डिजिटल डेस्क, नागपुर। हाल ही में आरडीएसओ ने मेट्रो के रीच-1 की डिजाइन को मंजूरी देकर प्रमाणपत्र दिया है। लेकिन फिलहाल इसे एडग्रेट सेक्शन में 80 व एलिवेटेड मार्ग पर 40 किमी की रफ्तार पर ही रोका गया है। हालांकि 27 फरवरी को सेफ्टी के लिए कमिश्नर ऑफ मेट्रो रेलवे सेफ्टी की टीम जांच-पड़ताल करने वाली है। जिसके बाद मेट्रो की रफ्तार को बढ़ाया जा सकता है।
नागपुर शहर में माझी मेट्रो के दो मार्ग का काम लगभग पूरा हो गया है। जिसमें रीच-1 में खापरी से बर्डी व रीच-3 में लोकमान्य नगर से सुभाष नगर प्रमुखता से शामिल हैं। रीच वन में पहले एटग्रेट सेक्शन में यानी खापरी से एअरपोर्ट साउथ स्टेशन से आरडीएसओ की टीम व सीएमआरएस की टीम ने निरीक्षण करते हुए 80 की रफ्तार पर दौड़ाने की सहमति दी थी। जिसके बाद से यहां जॉय राइड चलाई जा रही है। लेकिन अब खापरी से बर्डी त कमर्शियल तौर पर मेट्रो को चलाना है। लेकिन साउथ एअरपोर्ट से बर्डी तक का मेट्रो मार्ग जमीन से 22 मीटर तक की ऊंचाई पर है। ऐसे में यहां उक्त दोनों टीम द्वारा सहमति मिलना मुश्किल है। बावजूद इसके हाल ही में 16 फरवरी से कुछ दिन आरडीएसओ की टीम ने जांच-पड़ताल कर गत 3 दिन पहले ही इस रूट को सर्टिफिकेट दे दिया है। लेकिन आरडीएसओ टीम ने अब तक 40 की रफ्तार को एलीवेटेड यानी एअरपोर्ट साउथ से बर्डी तक चलने की अनुमति दी है।
अभी सीएमआरएस ( कमिश्नर ऑफ मेट्रो रेल सेफ्टी ) टीम का इस सेक्शन का जायजा लेना अभी बाकी है। कहा जा रहा है, कि यह टीम 27 फरवरी को शहर में आकर एलिवेटेड सेक्शन का जायजा लेनेवाली है। इस टीम का काम रूट से लेकर सिग्नलिंग से लेकर सुरक्षा संबंधी हर चीज की जांच-पड़ताल की जिम्मेदारी रहती है। अधिकृत सूत्रों की माने तो गाड़ियों में पैसेंजर की क्षमता की तरह रेत बोरियां आदि रखते हुए गाड़ी की टेस्टिंग की जाती है। जिसमें गाड़ी की क्षमता व रूट की मजबूती देख गाड़ी की रफ्तार तय होती है। टेस्टिंग के बाद आरडीएसओ टीम द्वारा तय की रफ्तार को बढ़ाया जा सकता है।
Created On :   26 Feb 2019 1:47 PM IST