मानसिक रुप से परेशान हैं प्रवासी मजदूर , महाराष्ट्र सरकार ने कराई 47 हजार मजदूरों की काउंसलिंग

Migrant laborers are mentally disturbed, the government counseling 47 thousand laborers
मानसिक रुप से परेशान हैं प्रवासी मजदूर , महाराष्ट्र सरकार ने कराई 47 हजार मजदूरों की काउंसलिंग
मानसिक रुप से परेशान हैं प्रवासी मजदूर , महाराष्ट्र सरकार ने कराई 47 हजार मजदूरों की काउंसलिंग

डिजिटल डेस्क, मुंबई।  कोरोना संकट के चलते शुरु लॉकडाउन कारण राज्य में फंसे प्रवासी मजदूर मानसिक रुप से परेशान हो रहे हैं। इसके मद्देनजर महाराष्ट्र सरकार ने उनकी काउंसलिंग शुरु की है। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे के राज्य में अब करीब 47,000 मजदूरों की मनोवैज्ञानिक डॉक्टरों ने काउंसिलिंग की है। उन्होंने बताया कि आगे भी इनका काउंसिलिंग कराई जाएगी। स्वास्थ्य मंत्री ने दावा किया इन मजदूरों को सभी तरह बुनियादी सेवाएं निशुल्क उपलब्ध कराया जा रहा है।

महाराष्ट्र के अलग-अलग उद्योगों में काम करने वाले दूसरे राज्यों के करीब 6 लाख मजदूर राज्य के अलग-अलग हिस्सों में अटक गए हैं। ये लोग अपने-अपने गांव-घर जाना चाहते हैं, लेकिन राज्य की सीमाएं सील हैं इसलिए ये लोग जा नहीं सकते। ऐस में ठाकरे सरकार ने इन मजदूरों के रहने-खाने की व्यवस्था का दावा कर रही है लेकिन कई जगह से सुविधाएं न मिलने की शिकायतें आ रही हैं। कुछ ऐसे भी मजदूर है जिनकी मानसिक हालत रह-रहकर खराब हो जाती है। ऐसे मजदूरों का काउंसिलिंग करा रही है।

स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने बताया कि लॉकडाउन के कारण मजदूर घर से दूर हैं। उनके सामने परिवार की चिंता, उनके स्वास्थ्य, आर्थिक तंगी और कोरोना बीमारी का डर खड़ा है। इससे मजदूरों को कई तरह की मानसिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है इसलिए जिला मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के द्वारा इन मजदूरों का काउंसिलिंग कराया जा रहा है। इसके नतीजे भी बेहतर आए हैं। काउंसिलिंग के दौरान जिन मजदूरों को मध्यम से गंभीर स्वरुप में मनोविकार है, उनका योग्य इलाज किया जा रहा है। तकरीबन 8,000 लोगों को संस्थात्मक क्वारंटाइन किया गया है।

    
 

Created On :   27 April 2020 6:32 PM IST

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