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नागपुर समेत 11 जिलों में दुग्ध परियोजना होगी लागू

डिजिटल डेस्क,मुंबई। विदर्भ और मराठवाड़ा अंचल में दूध उत्पादन बढ़ाने के उद्देश्य से विशेष परियोजना के लिए 128.29 करोड़ रुपए मंजूर किए गए हैं। विदर्भ के नागपुर, अकोला, अमरावती, बुलढाणा, वर्धा, यवतमाल, चंद्रपुर और मराठवाड़ा के लातूर, नांदेड़, जालना और उस्मानाबाद सहित कुल 11 जिलों के 3023 गांवों में विशेष परियोजना को लागू किया जाएगा।
परियोजना के तहत गाय और भैंस के कृत्रिम गर्भाधान की सुविधा किसानों के घर पर ही दी जाएगी। राष्ट्रीय दुग्ध विकास मंडल के सहयोग से विदर्भ और मराठवाड़ा विभाग में दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के लिए साल 2017-18 से साल 2019-20 के बीच इस पर अमल होगा। इसके लिए प्रदेश सरकार ने प्रशासनिक मंजूरी दे दी है। राज्य के पशुसंवर्धन, दुग्ध व्यवसाय विकास और मत्स्य व्यवसाय विभाग ने शासनादेश जारी किया है।
हलफनामा लेकर तुअर खरीदेगी सरकार
राज्य सरकार 31 मई 2017 तक टोकन हासिल करने वाले किसानों की तुअर (अरहर) खरीदी करेगी। इसके लिए किसानों को एक हलफनामा भी देना होगा, जिसके बाद सरकार बाजार हस्तक्षेप योजना के माध्यम से तुअर की खरीदारी करेगी। हलफनामे में दी गई जानकारी यदि गलत नकली तो किसानों पर कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी। राज्य सरकार के विपणन विभाग की तरफ से इस संबंध में शासनादेश जारी किया गया। शासनादेश के मुताबिक कई जिलों में 31 मई 2017 तक टोकन लेने वाले किसानों की तुअर बगैर खरीदारी के पड़ी हुई है। किसानों की तुअर खरीद के लिए जनप्रतिनिधियों और विभिन्न किसानों संगठनों ने मांग की थी। इसके बाद सरकार ने जिलाधिकारियों को तुअर खरीद का आदेश दिया है।
23 लाख क्विंटल दाल की खरीदी बाकी
गौरतलब है कि अभी भी राज्य में 23 लाख क्विंटल तुअर बिना खरीदी के पड़ी हुई है। सरकार के शासनादेश के मुताबिक तुअर के स्टॉक में एफएक्यू क्वॉलिटी के मानक से ज्यादा आर्द्रता होगी तो उसके अनुसार न्यूनतम समर्थन मूल्य में कमी की जाएगी। प्रदेश सरकार ने कहा है कि धोखाधड़ी कर टोकन हासिल करने वाले किसानों की जांच कर जानकारी हासिल की जाएगी। साथ ही सरकार को गुमराह करने वाले व्यापारियों के खिलाफ फौजदारी मामला दर्ज करके उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी।
Created On :   22 July 2017 12:07 PM IST