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रामस्थान की लाइम स्टोन खदान में खनन पर रोक, SDM के प्रस्ताव पर कलेक्टर ने की कार्रवाई

- जिला प्रशासन ने 56 हेक्टेयर लाइम स्टोन खदान में खनन पर रोक लगा दी है।
- जानकारी के मुताबिक यह जमीन रामस्थान में आदिवासियों को आवंटित की गई थी।
- लाइम स्टोन की खदानों पर जिला प्रशासन ने कार्रवाई शुरू कर दी है।
डिजिटल डेस्क सतना। फर्जी तरीके से आदिवासियों की जमीन को हासिल कर संचालित की जा रही लाइम स्टोन की खदानों पर जिला प्रशासन ने कार्रवाई शुरू कर दी है। जिला प्रशासन ने रघुराजनगर तहसील के रामस्थान में आवंटित 56 हेक्टेयर लाइम स्टोन खदान में खनन पर रोक लगा दी है। यह कार्रवाई रघुराजनगर एसडीएम की जांच प्रतिवेदन के आधार की गई है। इससे पहले रघुराजनगर एसडीएम ने 56 हेक्टेयर आराजी को शासकीय घोषित किया था। इसके बाद उन्होंने आवंटित खदान को निरस्त करने का प्रस्ताव कलेक्टर कार्यालय को भेजा है।
जानकारी के मुताबिक यह जमीनें रामस्थान में आदिवासियों को आवंटित की गई थी। खनन कारोबारी और कई सीमेंट फैक्ट्री के मालिकों ने इन जमीनों को फर्जी तरीके से खरीदी और फिर इन्हीं पर लाइम स्टोन की खदानें आवंटित कराई। यह मामला विधानसभा में पहुंचने के बाद जांच कार्रवाई शुरू की गई है। जांच में जमीन खरीदी के दस्तावेज सही नहीं पाए गए। जिसके बाद 55 हेक्टेयर जमीन को मप्र शासन ने अपने अधिकार में ले लिया है। वहीं खदानों को निरस्त कर दिया गया है।
गौरतलब है कि कटनी से लेकर मैहर सतना तक चूना पत्थर खदान के नाम पर उद्योगपतियों ने गरीब किसानों की जमीन हड़पने का गौरखधंधा चला रखा है। यह गोरखधंधा वर्षों से जारी है। स्थानीय कलेक्टर डा. सत्येंद्र सिंह का कहना है कि रामस्थान में आवंटित लाइम स्टोन की खदान में आगामी आदेश तक खनन पर रोक लगा दी गई है। यह कार्रवाई एसडीएम के प्रस्ताव पर की गई है।
Created On :   27 Feb 2019 1:40 PM IST